कोख में मारी जा रहीं बेटियां, लिंगानुपात में जींद तीसरे से फिसलकर 15वें पायदान पर पहुंचा

जींद से दूसरे शहर में ले जाकर गर्भवतियों की गर्भ में भ्रूण लिंग जांच करवाई जा रही है। इस कारण पिछले 3 साल में इस बार जिले का लिंगानुपात सबसे कम स्तर 904 (1000 लड़कों के पीछे 904 लड़कियां) पर पहुंच गया है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 02:59 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 08:34 PM (IST)
कोख में मारी जा रहीं बेटियां, लिंगानुपात में जींद तीसरे से फिसलकर 15वें पायदान पर पहुंचा
जींद में गर्भ में पल रहे बच्चों के लिंग की जांच का खेल चल रहा है।

पानीपत/जींद, जेएनएन। कहने को तो हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। लेकिन बेटा-बेटी के बीच फर्क को लेकर आज भी सोच वही सदियों पुरानी है। कानून की नजर में बेटा-बेटी एक समान हैं लेकिन गर्भ में शिशु की लिंग जांच कर उन्हें मरवाने वाले लोगों की सोच में बदलाव नहीं आ पा रहा है। लिंगानुपात के आंकड़े इस बात के गवाह हैं। साल 2020 में जींद जिले में 10562 लड़कों पर 9545 लड़कियों ने जन्म लिया। प्रदेश भर में कभी तीसरे स्थान पर रहने वाला जींद आज 15वें स्थान पर खिसक गया है। 

धड़ल्ले से जारी है भ्रूण लिंग जांच

जिले के लिंगानुपात में आई कमी का बड़ा कारण यह है कि अब जिले की गर्भवती महिलाओं की गर्भ में भ्रूण लिंग जांच हो रही है। पिछले 20 दिनों में स्वास्थ्य विभाग के पास इस तरह के दो मामले सामने आ चुके हैं। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि भ्रूण लिंग जांच का गोरखधंधा कितना तेजी से चल रहा है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इस गोरखधंधे स्वास्थ्य विभाग की आशा वर्कर तक शामिल हैं।

दूसरे शहर में करवाते हैं जांच

जींद से दूसरे शहर में ले जाकर गर्भवतियों की गर्भ में भ्रूण लिंग जांच करवाई जा रही है। इस कारण पिछले 3 साल में इस बार जिले का लिंगानुपात सबसे कम स्तर 904 (1000 लड़कों के पीछे 904 लड़कियां) पर पहुंच गया है। पिछले साल से इस साल 34 अंकों की कमी लिंगानुपात के मामले में आई है। साल 2020 में जिले में कुल 20 हजार 107 बच्चे पैदा हुए। इनमें बेटों की संख्या 10 हजार 562 जबकि बेटियों की संख्या 9545 है। 

जींद के इन पांच गांवों का लिंगानुपात रहा सबसे कम 

गांव का नाम लिंगानुपात (प्रति 1000)

फरैण खुद 333

दाता सिंह वाला 333

कटवाल 357

मांडी कलां         422

भैरो खेड़ा 455

 यह है पिछले 6 सालों का जिले का लिंगानुपात 

साल         लिंगानुपात

2015 857

2016 900

2017 898

2018 927

2019 938

2020 904

भ्रूण लिंग जांच पर कसेंगे शिकंजा : डॉ. पालेराम

नागरिक अस्पताल के डिप्टी सिविल सर्जन डा. पालेराम कटारिया ने कहा कि जिले के लिंगानुपात में इस बार कमी आई है। इसके सुधार के लिए आने वाले दिनों में भ्रूण लिंग जांच पर और शिकंजा कसा जाएगा। जब भी भ्रूण लिंग जांच होने संबंधी कोई सूचना मिलती है तुंरत उस पर कार्रवाई की जाती है।

chat bot
आपका साथी