बेटी पूरे कर रहे टैक्सी चालक पिता के ख्‍वाब, भाई ने दिया साथ तो कामयाबी को बढ़े हाथ

पानीपत के टैक्सी चालक की बेटी अनु ने जूनियर नेशनल हैंडबॉल में पदक जीता। अनु रोज घंटों अभ्‍यास करती है। बीच में खेल छूट गया था। तब भाई ने साथ दिया। बहन ने निराश नहीं किया और खेल में आगे बढ़ गई।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 09:18 AM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 09:18 AM (IST)
बेटी पूरे कर रहे टैक्सी चालक पिता के ख्‍वाब, भाई ने दिया साथ तो कामयाबी को बढ़े हाथ
उग्राखेड़ी गांव की हैंडबाल खिलाड़ी अनु मलिक।

पानीपत, जेएनएन। उग्राखेड़ी गांव के टैक्सी चालक जगबीर मलिक की बेटी अनु ने जूनियर नेशनल महिला हैंडबॉल चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता है। यह प्रतियोगिता उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुई। अनु दिल्ली टीम की ओर से खेली। अनु ने सेंटर बैक खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया। अनु ने अपनी सफलता का श्रेय पिता जगबीर मां सुमित्रा, कोच शिवाजी सिंधू और ताऊ के बेटे अमन मलिक को दिया है। इससे पहले भी अनु राज्य व राष्ट्रीय  हैंडबॉल चैंपियनशिप में 14 पदक जीत चुकी हैं।

पांच घंटे करती हैं अभ्यास

अनु ने बताया कि  वे दिल्ली की पीतमपुरा स्टेडियम में हर रोज पांच घंटे अभ्यास करती है। गलती होने पर कोच डांटते भी हैं। वह बुरा नहीं मानती है। गलती सुधारने के बाद ही उसके खेल में निखार आया है। उसका आगामी लक्ष्य एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने का है। इसके लिए वह और भी ज्यादा अभ्यास करेगी।

छूट गया था खेल, भाई ने दिया साथ

19 वर्षीय बीए प्रथम वर्ष की छात्रा अनु ने बताया कि आठ साल से वह हैंडबॉल का अभ्यास कर रही है। हरियाणा ने आयु प्रमाण पत्र में गड़बड़ी का आरोप लगाकर प्रतिबंध लगा दिया था, जबकि उसकी गलती नहीं थी। इसके बाद खेल छूट गया था। अंतरराष्ट्रीय हैंडबॉल खिलाड़ी व ताऊ के बेटे अमन मलिक ने खेलने के लिए प्रेरित किया। भाई उन्हें अभ्यास के लिए दिल्ली ले गए। इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा।

ये है अनु की सफलता

-सब जूनियर हैंडबॉल चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक।

-स्कूल नेशनल हैंडबॉल प्रतियोगिता में एक स्वर्ण और दो रजत पदक।

-जूनियर नेशनल हैंडबॉल प्रतियोगिता में एक स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य पदक।

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