अंधेरगर्दी..बिजली के हटे नहीं, एयरटेल के खंभे और गाड़ दिए, अफसर-नेता अंजान
अंधेरगर्दी का एक बड़ा उदाहरण सामने आया है। गोहाना रोड को फोरलेन बनाने में बीच में गड़े बिजली के खंभे रोड़ा बने हुए थे। इन्हें हटाने की लंबी प्रक्रिया चल ही रही है कि इन्हीं खंभों के साथ एयरटेल कंपनी ने रातों-रात अपने खंभे गाड़ दिए।
जागरण संवाददाता, पानीपत : अंधेरगर्दी का एक बड़ा उदाहरण सामने आया है। गोहाना रोड को फोरलेन बनाने में बीच में गड़े बिजली के खंभे रोड़ा बने हुए थे। इन्हें हटाने की लंबी प्रक्रिया चल ही रही है कि इन्हीं खंभों के साथ एयरटेल कंपनी ने रातों-रात अपने खंभे गाड़ दिए। स्थानीय दुकानदारों ने विरोध किया तो खंभे लगाने आए कर्मचारियों ने कहा कि हमारे पास तो अनुमति है। दूसरी तरफ, दैनिक जागरण ने पीडब्ल्यूडी, नगर निगम के अधिकारियों से लेकर मेयर, डीसी और विधायक तक से बात की। किसी को भी इसकी जानकारी नहीं थी। सभी ने जांच कराके इन खंभों को हटवाने की बात कही। अगर खंभे इसी तरह गड़े रहे, तार डल गए तो सड़क निर्माण की राह और लंबी हो जाएगी। इसमें पिसेंगे यहां से गुजरने वाले लोग, दुकानदार और शोरूम के मालिक।
गोहाना रोड को फोरलेन करने का ठेका मिलते ही ठेकेदार को निर्माण कार्य की इतनी जल्दी थी कि उसने बिजली के खंभे हटने का भी इंतजार नहीं किया। पूरी सड़क को खोदकर रख दिया। मानसून में बारिश होते ही इन गड्ढों में पानी भर गया। इनकी वजह से हादसे होने लगे।
ठेकेदार की यह लापरवाही अभी शहर झेल ही रहा है कि इन्हीं गड्ढों के बीच एयरटेल कंपनी ने खंभे गाड़ दिए। कंपनी की तरफ से काम कर रहे समीर ने बताया कि उनके पास अनुमति है। वैसे उन्होंने काम बीच में रोक दिया है। लगाए गए खंभे भी हटा दिए जाएंगे। बड़ा सवाल..निगम के अधिकारियों ने कैसे दे दी अनुमति
दैनिक जागरण संवाददाता ने सभी विभागों के अधिकारियों से बात की। कुछ ही देर में यह सामने आ गया कि नगर निगम ने तीन सितंबर को कंपनी को गोहाना रोड सहित कई कालोनियों में खंभे लगाने की अनुमति दी थी। बड़ा सवाल ये है कि गोहाना रोड तो पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आता है, तो नगर निगम ने अपने स्तर पर क्यों अनुमति दे दी। नगर निगम को गोहाना रोड पर कोई काम करना होता है तो पीडब्ल्यूडी से अनुमति ली जाती है। यानी, इस मामले में निगम का पूरा तंत्र फेल हो गया। प्रापर्टी आइडी से लेकर शहर में विकास कार्यों में गड़बड़ी के मामले सामने आते ही रहते हैं। अब गोहाना रोड पर खंभे लगाने की अनुमति देकर एक और मुसीबत बढ़ा दी। आखिर क्या चाहता है जिला प्रशासन : ललित गोयल
गोहाना रोड वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान ललित गोयल ने कहा कि उन्होंने कंपनी के कर्मचारियों को खंभे लगाने से रोका था। कर्मचारी ने आश्वासन दिया कि खंभे नहीं लगाएंगे। लेकिन सुबह उठे तो देखा कि खंभे लगे हुए थे। आखिर जिला प्रशासन क्या चाहता है। सड़क निर्माण पहले से ठप है। इस वजह से आम लोग बुरी तरह प्रभावित हैं। क्या दुकानदार और शोरूम मालिक ताला लगा दें। निगम कमिश्नर से बात करता हूं : डीसी
डीसी सुशील सारवान ने कहा, मेरे संज्ञान में मामला नहीं है। मैं नगर निगम के कमिश्नर से बात करता हूं। ऐसा नहीं होना चाहिए था। रविवार को इस मामले का समाधान कराएंगे। मुझे इसकी जानकारी नहीं : मेयर
मेयर अवनीत कौर ने कहा, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। बिजली के खंभे हटाने की प्रक्रिया चल रही है। नए खंभे लग रहे हैं तो गलत है। इस मामले में निगम अधिकारियों से बात करूंगी। ऐसा नहीं होना चाहिए था : विधायक
शहर के विधायक प्रमोद विज ने कहा, ऐसा तो नहीं होना चाहिए था। बिजली के खंभे शिफ्ट करने के लिए प्रक्रिया चल रही है। मैं गंभीरता से इस प्रोजेक्ट पर काम करा रहा हूं। इन खंभों को जल्द हटवाया जाएगा। जिसने भी गलती की है, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। मैं चेक कराता हूं : कमिश्नर
नगर निगम के कमिश्नर आरके सिंह का कहना है, मैं इस मामले को चेक कराता हूं। ऐसा क्यों हुआ, मालूम नहीं। अनुमति के बारे में जानकारी नहीं है। पीडब्ल्यूडी ने अनुमति नहीं दी : एसडीओ
पीडब्ल्यूडी के एसडीओ रामपाल का कहना है, हमारे विभाग ने किसी को अनुमति नहीं दी। जेई से कहा था कि खंभे नहीं लगने चाहिएं। एयरटेल ने अगर ऐसा किया है तो गलत है। मैं सोमवार को चेक कराऊंगा : ईओ
नगर निगम के ईओ शिवकुमार ने कहा, मैं सोमवार को रिकार्ड चेक कराऊंगा। अभी इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। इसकी कोई जानकारी नहीं है।
कल के अंक में पढि़ए : बिजली के खंभों के लिए तीन एस्टीमेट बने, कहां अटका है मामला
बिजली के खंभे शिफ्ट करने के लिए तीन एस्टीमेट बन चुके हैं। दावा किया जा रहा है कि अगले सप्ताह तक एक और एस्टीमेट बन जाएगा। कुल पांच एस्टीमेट बनने हैं। जागरण में कल के अंक में पढि़ए, कहां अटकी है फाइल। क्यों हो रही है देरी।
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