DAP Crisis: हरियाणा में डीएपी के नहीं मिल सकेंगे 10 से अधिक बैग, किल्लत से निपटने को लिया निर्णय

25 अक्टूबर से गेहूं की बिजाई जोर पकड़ना शुरू हो जाएगी। जिसके चलते डीएपी की डिमांड का बढ़ना स्वाभाविक है। हालांकि फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। बावजूद इसके कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से सतर्कता बरती जा रही है।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 02:39 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 02:39 PM (IST)
DAP Crisis: हरियाणा में डीएपी के नहीं मिल सकेंगे 10 से अधिक बैग, किल्लत से निपटने को लिया निर्णय
विशेषज्ञ एसएसपी व एनपीके खाद को भी डीएपी का बेहतर विकल्प बता रहे हैं

जागरण संवाददाता, यमुनानगर। जिले में डीएपी खाद की किल्लत न हो, इसको लेकर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की सतर्कता बढ़ गई है। यूरिया के तर्ज पर अब किसान डीएपी खाद के भी 10 से अधिक बैग नहीं ले सकेगा। यदि अधिक जरूरत है तो संबंधित एरिया के कृषि विकास अधिकारी से अनुमति पत्र लेना होगा। सीजन में करीब 1200 एमटी की खपत है। जबकि फिलहाल 200 एमटी का स्टाक विभाग के पास उपलब्ध है। उधर, विशेषज्ञ एसएसपी व एनपीके खाद को भी डीएपी का बेहतर विकल्प बता रहे हैं।

गेहूं की बिजाई सीजन में बढ़ती डिमांड

25 अक्टूबर से गेहूं की बिजाई जोर पकड़ना शुरू हो जाएगी। जिसके चलते डीएपी की डिमांड का बढ़ना स्वाभाविक है। हालांकि फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। बावजूद इसके कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से सतर्कता बरती जा रही है। इस दिशा में टीम का गठन कर मोनिटिरिंग के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। ताकि कोई भी विक्रेता अनावश्यक रूप से स्टाक न करे। बता दें कि जिले में खाद के 35 डिस्ट्रिब्यूटर हैं।

ऐसा करें तो बेहतर

इन दिनों किसान सरसों की बिजाई भी कर रहे हैं। विशेषज्ञों की सलाह है कि सरसों की बिजाई के लिए  एसएसपी व एनपी के 12-32-16 खाद का प्रयोग करें। इसमें फासफोरस के अलावा सल्फर नाम का तत्व भी होता है। जोकि सरसों की फसल में तेल की मात्रा को बढ़ाता है। जबकि गेहूं इत्यादि की फसल की बिजाई के समय एनपीके खाद का प्रयोग करें। जिसमें तीन मुख्य तत्व नाइट्रोजन, फासफोरस व पोटाश होते हैं। इससे खेत की उर्वरक शक्ति बढ़ने के साथ पैदावार भी ज्यादा होती है।

उपलब्धता के लिए किए जा रहे प्रयास

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. जसविंद्र सैनी का कहना है कि सीजन में डीएपी की उपलब्धता के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। वितरण प्रणाली में पूरी तरह पारदर्शिता रहे, इसके लिए 10 बैग की लिमिट बना दी है। एक किसान को 10 बैग से अधिक डीएपी के बैग नहीं मिलेंगे। यदि अधिक चाहिए तो अपने क्षेत्र के कृषि विकास अधिकारी से लिखवाकर देना होगा।

chat bot
आपका साथी