DAP Crisis: कैथल में दिनभर लाइनों में लगने के बावजूद नहीं मिल रहा है खाद, वापस लौट रहे किसान

कैथल में दोपहर तक ही खाद के कट्टों का वितरण हो गया। इसके बाद लाइनों में लगे किसान वापस लौटने को मजबूर हो गए। खाद को लेकर किसन सुबह छह बजे ही लाइनों में लग जाते हैं मुश्किल से चार से पांच कट्टे किसानों को मिल रहे हैं।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Sun, 07 Nov 2021 03:33 PM (IST) Updated:Sun, 07 Nov 2021 03:33 PM (IST)
DAP Crisis: कैथल में दिनभर लाइनों में लगने के बावजूद नहीं मिल रहा है खाद, वापस लौट रहे किसान
कैथल में डीएपी खाद की किल्लत से किसान परेशान।

कैथल, जागरण संवाददाता। कैथल में डीएपी खाद का संकट जारी है। डिमांड साढ़े चार लाख कट्टों की है, लेकिन अभी तक दो लाख 24 हजार कट्टों का वितरण ही हो पाया है। किसान रोजाना खाद केंद्र के बाहर ट्रैक्टर-ट्राली लेकर पहुंच जाते हैं, लेकिन दिनभर इंतजार के बाद भी खाद नहीं मिल पाता, किसानों को बिना खाद के वापस लौटना पड़ता है।

सरकार व प्रशासन को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत

रविवार को शाह बाद से चार हजार कट्टे पहुंचे, लेकिन दोपहर तक ही इन कट्टों का वितरण हो गया। इसके बाद लाइनों में लगे किसान वापस लौटने को मजबूर हो गए। खाद को लेकर किसन सुबह छह बजे ही लाइनों में लग जाते हैं, मुश्किल से चार से पांच कट्टे किसानों को मिल रहे हैं। किसानों का कहना है गेहूं बिजाई का समय निकलता जा रहा है, लेकिन डीएपी खाद किसानों को नहीं मिल रहा है। जब सरकार को पता है कि हर साल अक्टूबर व नवंबर माह में गेहूं बिजाई के समय डीएपी खाद की जरूरत पड़ती है, लेकिन इसके बावजूद क्यों नहीं पहले तैयार की जाती। सरकार व प्रशासन को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है।

खाली हाथ वापस लौटना पड़ा

गांव सजूमा निवासी किसान हरिकिशन ने बताया कि पिछले दस दिनों से डीएपी खाद को लेकर चक्कर काट रहा हूं, लेकिन कोई खाद नहीं मिल रहा है। रोजाना घर व खेत का काम छोड़ कर लाइन में लगने के बावजूद बिना खाद के वापस लौटना पड़ रहा है। गांव धुंधरेहड़ी निवासी किसान रामचंद्र ने बताया कि पिछले पांच दिनों से डीएपी खाद को लेकर चक्कर काट रहा हूं, लेकिन खाद नहीं मिल रहा है। खाद न मिलने के कारण गेहूं बिजाई का समय निकलता जा रहा है।

किसानों को हो रही काफी दिक्कत

गांव सिल्लाखेड़ा निवासी कामल सिंह ने बताया कि शनिवार को भी सुबह छह बजे लाइन में लगा था। जब नंबर आया तो खाद खत्म हो गया। रविवार सुबह फिर से छह बजे लाइन में लगा, दोपहर तक भी नंबर नहीं आया। खाद को लेकर किसानों को काफी दिक्कत आ रही है।

किसान सहयोग करें, जल्द ही खाद की कमी दूर होगी

कृषि उप निदेशक डा. कर्मचंद ने बताया कि चार हजार कट्टे शाहबाद से आए हैं। दस हजार कट्टे सोमवार सुबह करनाल से आएंगे। दस अक्टूबर तक 60 हजार कट्टों का रैक आने की उम्मीद है। इसके बाद डीएपी खाद को लेकर किसी भी तरह की दिक्कत नहीं रहेगी। सरसों की बिजाई का रकबा बढ़ने के कारण इस बार डिमांड नवंबर की बजाए अक्टूबर में आने से यह समस्या पैदा हुई है। फिर भी किसान सहयोग करें, जल्द ही खाद की कमी दूर होगी।

chat bot
आपका साथी