गेहूं की फसल पर बढ़ रहा खतरा, Haryana में अलर्ट जारी Panipat News
प्रदेश भर में गेहूं की फसल में बढ़ रहे खतरे को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। अधिकारियों को नियमित जांच के आदेश दिए गए हैं।
पानीपत/यमुनानगर, [संजीव कांबोज]। पंचकूला में गेहूं की फसल में पीला रतुआ के केस सामने आने पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने प्रदेश भर में अलर्ट जारी कर दिया है। सभी कृषि उपनिदेशकों को पत्र भेजकर फसल के नियमित निरीक्षण व विशेषज्ञों को सतर्क रहने के आदेश दिए हैं। मौसम में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण पीला रतुआ के प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है। पीला रतुआ ऐसा फंगस है जो धीरे-धीरे पूरे खेत में खड़ी फसल को तबाह कर देता है। बता दें कि यमुनानगर में 90 हजार हेक्टेयर पर गेहूं की फसल खड़ी है।
पत्तों पर होता है पीला पाउडर
यमुना नदी के साथ लगते जिलों में बीमारी के फैलने की संभावना अधिक बताई जा रही है। क्योंकि इन क्षेत्रों में नमी की मात्रा अधिक होती है। जानकारों के मुताबिक बीमारी फंगस के कारण फैलती है। नमी के दौरान यह फंगस और भी अधिक सक्रिय हो जाता है। बीमारी के दस्तक देने पर गेहूं के पौधों के पत्तों पर पीले का रंग का पाउडर देखा जाने लगता है। यह पाउडर लाइनों में होता है। धीरे-धीरे पत्ता सूखने लगता है और पत्ते सूख जाने के बाद प्रकाश संश्लेषण के क्रिया नहीं हो पाती जिसके परिणामस्वरूप धीरे-धीरे पूरा पौधा सूखने लगता है।
किसान ऐसा करें तो बेहतर
विशेषज्ञों के मुताबिक किसान अपनी फसल का नियमित रूप से जांच करते रहें। यदि पत्ते पर पीला पाउडर दिखाई तो हल्के से न लें। प्रभावित फसल पर प्रभावित फसल पर प्रोपीकोनोजोल या टैबूगोकोनाजोल नामक दवाओं में से कोई एक दवा का स्प्रे कर सकते हैं। प्रति एकड़ 200 एमएल का छिड़काव किया जा सकता है। अतिरिक्त पौधा संरक्षण अधिकारी डॉ. राकेश कुमार जांगड़ा ने बताया कि अपने जिले में फिलहाल पीले रतुए की शिकायत नहीं है। बावजूद इसके विभाग पूरी तरह अलर्ट है। पंचकुला में लक्षण सामने आए हैं। इसको लेकर विभाग पूरी तरह सतर्क है। टीम खेतों में जाकर जांच कर रही हैं। सभी खंड कृषि अधिकारियों को भी नियमित जांच के आदेश दिए गए हैं। कई अन्य परिस्थितियों में पीलापन आ सकता है, जरूरी नहीं है कि यह पीला रतुआ हो।