ऑनलाइन ठगी करने वाला साइबर ठग राजस्‍थान से गिरफ्तार,जानिए कैसे फंसाता था झांसे में

जींद में ऑनलाइन ठगी करने वाला साइबर ठग को गिरफ्तार किया गया है। जींद पुलिस ने राजस्‍थान से गिरफ्तार किया। रुपये भेजने के नाम पर लोगों से करता था ठगी। साइबर सेल ने ठग की कुंडली खंगालते हुए सफलता हासिल की।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 02:25 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 02:25 PM (IST)
ऑनलाइन ठगी करने वाला साइबर ठग राजस्‍थान से गिरफ्तार,जानिए कैसे फंसाता था झांसे में
ऑनलाइन ठगी करने वाला साइबर ठग गिरफ्तार।

जींद, जागरण संवाददाता। दोस्त व रिश्तेदार बनकर लोगों के खातों में राशि भेजने का झांसा देकर ठगी करने वाले राजस्थान के भरतपुर जिले के गांव चाचरवाड़ी निवासी मोनू कुमार को गिरफ्तार किया है। आरोपित एसपी वसीम अरकम द्वारा गठित की गई साइबर क्राइम सेल की टीम ने काबू किया है।

आरोपित अज्ञात नंबरों पर काल करता था और बातों में उलझाकर उसका जानकार व रिश्तेदार बन जाता था और ई वॉलेट पर रुपये भेजने के नाम पर लिंक भेज देता था। लिंक को खोलते ही आरोपित मिनटों में खातों को खाली कर देता है। आरोपित मोनू ने ऐसे ही ठगी जवाहर नगर निवासी प्रवेश के साथ की। जहां पर आरोपित फतेहपुरी दिल्ली स्थित नमन ओप्टीकल का कर्मचारी बन गया है और जहां पर आरोपित ने कहा कि उसने ओम ओप्टीकल नजदीक एसडी स्कूल जींद प्रोफेसर अजमेर सिंह का फोन कि कुछ रुपए ट्रांसफर करने हैं।

जवाहर नगर निवासी प्रवेश ने 23 मई को शहर थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उसके जानकार अजमेर की एसडी स्कूल के पास चश्मों की दुकान है। 19 मई को उसके दोस्त अजमेर के पास किसी अज्ञात व्यक्ति का फोन आया और उसने रुपये भेजने की बात कही। इसके बाद आरोपितों ने अजमेर के पास क्यूआर कोड भेज दिया। इसी दौरान वह अपने जानकारी अजमेर के पास चला गया।

अजमेर ने कहा कि उसे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की जानकारी नहीं है, इसलिए यह रुपये अपने खाते में मंगवा ले। इसके बाद उसने आरोपितों द्वारा भेजे गए क्यूआर कोड को स्कैन कर लिया। इसी दौरान उसके खाते से 10 हजार रुपये निकलने का मैसेज आया। इसके बाद फिर से दस हजार रुपये निकले। बाद में 24 हजार 998 रुपये की राशि निकल गई। तीन ट्रांजेक्शनों के माध्यम से आरोपितों ने उसके खाते से 44 हजार 988 रुपये निकाल लिए। बाद में आरोपितों ने कहा कि यह राशि उनके खाते में वापस आ जाएगी, इसलिए एक बार आधार कार्ड का नंबर दे दें, लेकिन उसने आधार कार्ड नंबर देने से मना कर दिया। बाद में वह फोन नंबर बंद आने लगा।

पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। बाद में इस मामले की जांच साइबर क्राइम सेल को सौंप दी। साइबर सेल के इंचार्ज सुधीर ने बताया कि आरोपित को अदालत में पेश करके रिमांड पर लिया जाएगा। आरोपित ठगी की घटनाओं को अंजाम देता था। इससे कई वारदातों का खुलासा होने की संभावना है।

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