केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर महिला से साइबर ठगी, खाते से निकले एक लाख 69 हजार
यमुनानगर में साइबर ठगी का मामला सामने आया है। एक महिला से केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर ठगी हुई। केवाईसी अपडेट के नाम पर एक एप डाउनलोड करने को कहा। इसके बाद डिटेल भरते ही खाते से रुपये कटने का मैसेज आया।
यमुनानगर, जेएनएन। केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर महिला साइबर ठगी की शिकार हो गई। उसके खाते से एक लाख 69 हजार रुपये साफ हो गए। महिला के पास टेलीकॉम कंपनी की ओर से मैसेज आया था। उस नंबर पर संपर्क किया, तो उसे बातों में उलझाकर एप डाउनलोड कराया गया। फिलहाल सेक्टर 17 थाना पुलिस ने मामले में केस दर्ज किया है।
दिल्ली के पश्चिम विहार निवासी रमनदीप कौर यहां सेक्टर 17 में अपने माता पिता के पास रहने के लिए आई हुई है। सात जून की सुबह उनके मोबाइल पर एयरटेल कंपनी की ओर से केवाईसी रिन्यूवल के लिए मैसेज आया। उसमें एक नंबर दिया गया था। इस नंबर पर जब काल की, तो उधर से एक एप डाउनलोड कराया गया। उसकी बातों में आकर रमनदीप कौर ने एप डाउनलोड किया। उसने अपने खाते से संबंधित डिटेल भर दी।
कुछ ही देर बाद उनके काेटक महिंद्रा के बैंक खाते से 99 हजार 500 रुपये कटने का मैसेज आया। थोड़ी देर बाद 70 हजार रुपये कटने का मैसेज आया। इस तरह खाते से एक लाख 69 हजार रुपये साफ हो गए। जिस नंबर से काल आई थी। उस पर काल की, तो वह नंबर भी बंद आता रहा। बैंक से इस बारे में पता किया, तो जानकारी मिली कि वहां से केवाईसी रिन्यूवल के लिए कोई मैसेज नहीं भेजा गया था। परेशान होकर पीड़िता ने सेक्टर 17 थाने में शिकायत दी।
पहले भी हो चुके इस तरह के मामले
प्रोफेसर कालोनी निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर इलिका के साथ भी इसी तरह से साइबर ठगी हो चुकी है। एक अप्रैल की शाम करीब आठ बजे उनके वाट्सएप पर अनजान नंबर से मैसेज आए कि उनके जानकार सिद्धांत गर्ग के पिता काफी बीमार हैं। उनके इलाज के लिए ढाई लाख रुपये की जरूरत है। जिस पर उन्होंने पैसा ट्रांसफर कर दिया था। जिस नंबर से काल आई। उस नंबर की डीपी पर दोस्त का फोटो लगा हुआ था।
एसपी कमलदीप गोयल ने बताया कि साइबर ठगी करने वाले आरोपित लोगों को एसएमएस, वाट्सएप, ईमेल या फोन काल के माध्यम से कार, नकद इनाम या फिर इलेक्ट्रोनिक्स जीतने के आफर भेजते हैं। लोग उनके झांसे में आकर अपने बैंक खाता डिटेल, पता, क्रेडिट कार्ड व अन्य निजी जानकारियां उनके साथ सांझा कर लेते हैं। आमतौर पर लोगों को जीते गए इनाम उन तक पहुंचाने के नाम पर फीस मांगी जाती है। इसलिए ऐसी फोन कॉल से सावधान रहे। ठग लोगों को डाक, कोरियर या ईमेल के माध्यम से भी पत्र व स्क्रैच कार्ड भेजते हैं। ऐसे में सावधानी बरतनी चाहिए। इससे बचने के लिए बैंक खातों, क्रेडिट कार्ड व पता के संबंध में निजी एवं वित्तीय जानकारियां फोन या ईमेल के माध्यम से किसी के साथ भी सांझा न करें। कभी भी संदेहास्पद ईमेल का जवाब न दे, क्योंकि इसमें वायरस हो सकता है। आनलाइन क्लेम का फार्म न भरे। लोटरी में जीती राशि को प्राप्त करने के लिए कोई भी अग्रिम फीस न दे।