साइबर अपराधी फर्जी वीपीएन वेबसाइट बनाकर लोगों को बना रहे हैं ठगी का शिकार

साइबर अपराधी फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 05:35 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 05:35 AM (IST)
साइबर अपराधी फर्जी वीपीएन वेबसाइट बनाकर लोगों को बना रहे हैं ठगी का शिकार
साइबर अपराधी फर्जी वीपीएन वेबसाइट बनाकर लोगों को बना रहे हैं ठगी का शिकार

जागरण संवाददाता, पानीपत : साइबर अपराधी फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। इस बारे में पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। एसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) एक ऐसी सेवा है जो उपयोगकर्ता के इंटरनेट कनेक्शन और गोपनीयता की आनलाइन सुरक्षा करती है। वीपीएन का बाजार पिछले 10 वर्षों में तेजी से बढ़ा है। क्योंकि उपभोक्ता और व्यवसाय करने वाले लोग अपने डाटा की रक्षा करना चाहते हैं और अपनी गोपनीयता को सुरक्षित करना चाहते हैं। इसमें वीपीएन मददगार साबित होता है। बढ़ती हुई वीपीएन की लोकप्रियता का फायदा उठाते हुए साइबर अपराधियों द्वारा नकली वीपीएन एप और साफ्टवेयर को विकसित कर लोगों को ठगा जा रहा है। साइबर अपराधी वीपीएन वितरित करने वाली वेबसाइट जैसी दिखने वाली नकली वेबसाइट बनाते हैं। साइट को विश्वसनीय दिखाने के लिए प्रामाणिक वीपीएन वेब पेजों, एप्स के समान दिखने वाले फाइल आइकन का उपयोग करते हैं। साइबर अपराधियों द्वारा इन वेबसाइटों पर दुर्भावनापूर्ण लिक संलग्न कर दिए जाते हैं।

उपयोगकर्ता वीपीएन प्राप्त करने के लिए साइट पर फर्जी वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं। इसके पृष्ठ पर डाउनलोड का बटन होता यहां क्लिक करने से एक मेलिसियस वीपीएन सेटअप डाउनलोड हो जाता है । इसका कार्य उपयोगकर्ता की महत्वपूर्ण जानकारियों को नष्ट करना, चुराना व विडोज डिफेंडर सुविधाओं और लाग आडिट को अक्षम करना इत्यादि होता है। इसके माध्यम से साइबर अपराधी उपयोगकर्ताओं की गोपनीय जानकारी हासिल कर ठगी का शिकार बनाते हैं। ये बरतें सावधानी

- अज्ञात वेबसाइट से वीपीएन ऐप और साफ्टवेयर डाउनलोड करते उसकी सत्यता की जांच करें।

- डाउनलोड की गई फाइलों के एक्सटेंशन की ठीक से जांच करें।

- आपरेटिग सिस्टम को अपडेट रखें।

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