जागरूकता से रोके जा सकते हैं साइबर अपराध : डीएसपी
डीएसपी संदीप ने कहा कि हर क्षेत्र में तकनीक बढ़ी तो साइबर अपराधी भी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : डीएसपी संदीप ने कहा कि हर क्षेत्र में तकनीक बढ़ी तो साइबर अपराधी भी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। ठग सीवीवी, ओटीपी शेयरिग फर्जीवाड़ा, रिक्वेस्ट मनी क्यूआर कोड लिक के माध्यम से, कैश बैक आफर, लाटरी के नाम पर और ओएलएक्स के माध्यम से लोगो के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। जागरूकता से ही साइबर अपराध रोके जा सकते हैं। वह बुधवार को सेक्टर 13-17 स्थित दयाल सिंह पब्लिक स्कूल में साइबर अपराध व इससे सतर्क रहने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी बैंक व भारतीय रिजर्व बैंक अधिकारी बन कर लोगों को फोन करते हैं और उनसे कहते हैं कि उनका डेबिट कार्ड ब्लाक हो गया है या उनका केवाइसी अपडेट नहीं है या उनका आधार बैंक खाते से जुड़ा नहीं है। फिर आधार को बैंक खाते से जोड़ने, केवाइसी अपडेट करवाने या डेबिट कार्ड शुरू करने के बहाने उनसे उनके खाते से जुड़ी गोपनीय जानकारी लेकर खातों से राशि निकाल लेते हैं। सेक्टर 13-17 थाना प्रभारी रामनिवास ने सेक्टर 13-17, 18 के लोगों का आह्वान किया कि वे किसी भी घरेलू सहायक को रखने से पहले पुलिस वेरीफिकेश कराएं। अभिभावक बच्चों को समझाएं कि वे स्कूटी व बाइक न चलाएं।इस अवसर पर स्कूल की प्रिसिपल विनीता तोमर व वाइस प्रिसिपल नीलम वत्स मौजूद रहीं। साइबर ठगी से बचने के लिए ये रखें सावधानी
-कोई भी व्यक्ति मोबाइल पर आए मैसेज की जानकारी मांगें तो उसको न दें।
- किसी भी व्यक्ति को अपना एटीएम नंबर या पासवर्ड न बताएं। - बैंक खाते या आधार कार्ड से संबंधित जानकारी किसी को न दें। - कोई व्यक्ति परिचित का नाम लेकर बैंक खाते में राशि भेजने की बात करे तो उसकी बातों में न आएं । - अनजान व्यक्ति द्वारा वाटसएप या किसी अन्य एप पर भेजे गए लिक पर क्लिक न करें ।
-किसी भी तरह की बैंक खाते से संबंधित गोपनीय जानकारी किसी से सांझा न करें।
-अपने मोबाइल व कंप्यूटर के साफ्टवेयर को अपडेट रखें।