Education News : नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम ढांचा होगा तैयार, हरियाणा में एससीईआरटी को जिम्मा

नई शिक्षा नीति के तहत नए सिरे से पाठ्यक्रम का ढांचा तैयार किया जाएगा। इसके लिए हरियाणा के एससीईआरटी यानी राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को इसकी जिम्‍मेदारी दी गई। ड्राफ्ट को लेकर तीन हजार लोगों से सर्वे फाम भरवा ली जाएगी राय।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 06:02 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 06:02 AM (IST)
Education News : नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम ढांचा होगा तैयार, हरियाणा में एससीईआरटी को जिम्मा
एनसीईआरटी नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार कर रहा।

पानीपत, [रामकुमार कौशिक]। नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम ढांचा तैयार करने का काम शुरू हो गया है। एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) की तरफ से इसको लेकर देश के सभी राज्यों को अपने-अपने राज्य का पाठ्यक्रम ढांचा (ड्राफ्ट) तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रदेश की बात करें तो एनसीईआरटी की तरफ से एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) गुरुग्राम को ये जिम्मा सौंपा गया है।

एससीईआरटी ने प्रदेश के सभी डाइट (जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान) को अलग अलग पाठ्यक्रम विषय पर ड्राफ्ट तैयार करने के जिम्मेदारी दी है। पानीपत डाइट को व्यवसायिक शिक्षा पर ड्राफ्ट तैयार करना है। प्रदेश में तैयार पाठ्यक्रम को एससीईआरटी के जरिये बाद में एनसीईआरटी को भेजा जाएगा। इसमें करीब एक साल का समय लगेगा।

बनेगी कमेटी

कोआर्डिनेटर तकदीर सिंह के मुताबिक पानीपत डाइट को वोकेशनल एजुकेशन का ड्राफ्ट तैयार करना है। इसको लेकर करीब पंद्रह लोगों की कमेटी बनाई जाएगी। इसमें शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल होंगे। उनकी तरफ से जिला शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सहित शिक्षण संस्थानों को पत्र लिख ऐसे लोगों के नाम मांगे गए हैं, जो इस अभियान में काम करना चाहते हैं। उक्त लोगों को ट्रेङ्क्षनग भी दी जाएगी।

सर्वे फार्म भरवा ली जाएगी राय

पाठ्यक्रम ढांचा (ड्राफ्ट) तैयार करने के दौरान शैक्षणिक कार्य से जुड़े लोगों के अलावा एनजीओ, शिक्षण संस्थान, आंगनबाड़ी, आशा वर्कर, सरपंच, पंच आदि करीब तीन हजार लोगों से सर्वे फार्म भरवाकर उनकी भी राय ली जाएगी। उनकी राय को भी ड्राफ्ट में रखा जाएगा।

इन जिलों के डाईट को मिली विषय अनुसार जिम्मेदारी

-शिक्षा का दर्शन (पाली, फरीदाबाद)

-प्री स्कूल शिक्षा और मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (पंचकूला)

-पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र (हुसैनपुर, रेवाड़ी)

-समग्र, मनोरंजक और आकर्षक पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र (हुसैनपुर, रेवाड़ी)

-नया पाठ्यक्रम : राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध (हुसैनपुर, रेवाड़ी)

-21वीं सदी में स्कूली शिक्षा के लिए नए पाठ्यक्रम क्षेत्र-मुद्दे और व्यवस्था की आवश्यकता (हुसैनपुर, रेवाड़ी

-सामाजिक विज्ञान में शिक्षा (माछरौली, झज्जर)

-व्यावसायिक शिक्षा (पानीपत)

-कला शिक्षा (जानौली, पलवल)

-विज्ञान शिक्षा (बिरही कला, भिवानी)

-गणित शिक्षा और कम्प्यूटेशनल सोच (मातरशाम, हिसार)

-भाषा शिक्षा (मटाना, फतेहाबाद)

-पर्यावरण शिक्षा (महेंद्रगढ़)

-स्वास्थ्य व अच्छाई (भीसवामील, सौनीपत)

-परीक्षा और समग्र प्रगति कार्ड में सुधार (शाहपुर, करनाल)

क्रास कटिंग विषय

-भारत का ज्ञान (इक्कस, जींद)

-मूल्य शिक्षा (तेजली, यमुनानगर)

-समावेशी शिक्षा (मदीना, रोहतक)

-लिंग शिक्षा (कैथल)

-स्कूली शिक्षा के लिए शैक्षिक प्रौद्योगिकी (डिंग, सिरसा)

अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र, 2020

-शिक्षक की शिक्षा (मोहरा, अंबाला)

-स्कूलों के लिए मार्गदर्शन और परामर्श (जीईटीटीआइ मोरनी हिलस व डाइट, पंचकूला)

-स्कूल प्रशासन और नेतृत्व (बाइट जेडी व डाइट मताना, फतेहाबाद)

-गुणवत्तापूर्ण पाठ्य और गैर पाठ्य सामग्री-मुद्दों, चुनौतियों और आगे की राह का प्रकाशन (जीईटीटीआइ एफपी नामक, नूंह व डाइट, गुरुग्राम)

-स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा के बीच संबंध (डाइट नगीना, नूंह व डाईट पाली, फरीदाबाद)

-स्कूली शिक्षा के वैकल्पिक तरीके (पलवल व कुरुक्षेत्र)

-शिक्षा में समुदाय की उभरती भूमिका (गुरुग्राम)

-प्रौढ़ शिक्षा (मालब, नूंह व डाइट मात्रश्याम, हिसार)

chat bot
आपका साथी