अंतिम संस्कार के लिए नहीं चढ़ेगी पेड़ों की बलि, अंबाला में गाय के गोबर से बनाई जा रहीं लकड़ियां

अंबाला में पेड़ों को बचाने के लिए अनोखा प्रयास किया जा रहा है। अब अंतिम संस्कार के लिए पेड़ों की बलि नहीं चढ़ेगी। गाय के गोबर से लकड़ियां बनाई जा रही हैं। इनकी कीमत 6 रुपये किलो रखी गई है। हर दिन 100 किलो लकड़ियां बनाई जा रही हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 05:34 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 07:11 PM (IST)
अंतिम संस्कार के लिए नहीं चढ़ेगी पेड़ों की बलि, अंबाला में गाय के गोबर से बनाई जा रहीं लकड़ियां
अंबाला नगर परिषद का अगर यह कदम सफल हुआ तो पेड़ों का कटान होने से बच सकेगा।

अंबाला, संजू कुमार। अंबाला छावनी में पेड़ों का कटान रोकने के लिए रामबाग में गोबर से लकड़ियां बनाई जा रही हैं। ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके। साथ ही श्मशान घाट में शवों का अंतिम संस्कार भी किया जा सके। कोरोनाकाल के चलते इन दिनों लकड़ियों का स्टॉक तैयार किया जा रहा है।

एक दिन में करीब 100 किलो लकड़ियां गोबर से बनाई जा रही हैं। ये लकड़ियां श्मशान घाट में 6 रुपये किलो बेच रहे हैं। हालांकि इन लकड़ियों को लेकर लोगों की अभी कम डिमांड है। लेकिन नगर परिषद का अगर यह कदम सफल हुआ तो पेड़ों का कटान होने से बच सकेगा। बता दें कि श्मशान घाट में पेड़ों की लकड़ियों से शवों का अंतिम संस्कार होता है। लेकिन अब गोबर की लकड़ियों से भी लोग अंतिम संस्कार करने लगे हैं।

अंबाला में गाय के गोबर से बनाई गई लकड़ी।

गोबर को उपयोग में लाया जा रहा

रामबाग रोड पर करीब एक हजार गायें हैं। गोशाला से निकलने वाले गोबर को उपयोग में लाया जा रहा है। जबकि डेयरियों का गोबर नाले और नालियों में बहाया जाता है। गोशाला के गोबर से विभिन्न तरह की खाद तैयार की जा रही है। दूसरी ओर लकड़ियां भी बनाई जाने लगी हैं। 

अंबाला में गाय के गोबर से इस तरह बनाई जाती है लकड़ी।

इलेक्ट्रिक मशीन लोग कराना नहीं चाहत अंतिम संस्कार 

श्मशान घाट में इलेक्ट्रिक मशीन लगाने के लिए संस्थाओं ने कमेटी के सामने प्रस्ताव रखा। मगर यहां के लोगों ने मना कर दिया। क्योंकि लोग इलेक्ट्रिक मशीन से अंतिम संस्कार करना नहीं चाहते। इसलिए श्मशान घाट में इलेक्ट्रिक मशीन नहीं लगाई गई है। कमेटी के सदस्याें का कहना है कि लोग गोबर की लकड़ियों से अंतिम संस्कार करा रहे हैं। लेकिन इलेक्ट्रिक मशीन से अंतिम संस्कार नहीं कराना चाहते हैं। इसलिए संस्थाओं को भी मना कर दिया गया। 

इस मशीन की मदद से गोबर से लकड़ियां बनाई जाती हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

नगर परिषद के सचिव राजेश कुमार का कहना है कि रामबाग गोशाला में गोबर से लकड़ियां बनाने का प्रोजेक्ट चल रहा है। ताकि अंतिम संस्कार भी हो सके और पेड़ों का कटान बंद हो। शुरुआत में लकड़िया कम बन रही हैं।

पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

chat bot
आपका साथी