मामूली कहासुनी में कर दी थी निर्मम हत्या, कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा
करनाल में साल 2014 में हत्या के मामले में दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामूली कहासुनी के विवाद के बाद निर्मम तरीके से हत्या की थी। इसके बाद शव को रेलवे ट्रैक पर फेंका। अब करनाल कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
करनाल, जागरण संवाददाता। 2014 में हुए हत्या के एक मामले में एडिशनल सेशन जज विवेक सिंघल की अदालत ने एक आरोपित को उम्र कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उस पर 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया। जबकि इसी मामले में दो आरोपितों को अदालत ने बरी कर दिया। 12 अगस्त 2014 को करनाल रेलवे स्टेशन मास्टर ने जीआरपी को सूचना दी थी कि करनाल-भैणीखुर्द रेलवे ट्रैक पर शव पड़ा है। मौके पर पुलिस पहुंची।
गर्दन शव से करीब 15 फीद दूर था
ट्रैक के अंदर मृतक की गर्दन कटी हुई लाश पड़ी थी। गर्दन थड़ से 15 फीट दूर थी। शव की शिनाख्त उपलाना गांव निवासी सोमपाल के रूप में हुई। मृतक के भाई तरसेम की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया। तरसेम ने असंध निवासी सत्यवान पर हत्या का आरोप लगाया था। तरसेम ने बताया था कि उसका भाई साेमपाल असंध निवासी सत्यवान के साथ सांझी खेती करता था। सत्यवान ने सोमपाल से तीन लाख रुपये उधार ले रखे थे। इस पर इनकी कहासुनी हो चुकी थी।
पैसों के हिसाब किताब के लिए बुलाया था
पुलिस की जांच में सामने आया था कि 11 अगस्त 2014 को सत्यवान ने सोमपाल को पैसों का हिसाब किताब करने के बहाने से बुलाया था। उसी दिन सत्यवान ने अपने साथियों के साथ मिलकर सोमपाल की हत्या कर दी थी। साजिश के तहत शव को रेलवे ट्रैक पर डाल दिया गया था। 16 अगस्त 2014 को पुलिस ने सत्यवान को गिरफ्तार कर लिया गया था। सत्यवान ने पुलिस को बताया था कि उसने उत्तरप्रदेश के मेरठ शहर निवासी अपने रिश्तेदार सुनील व उसके दोस्त मेरठ निवासी राजू के साथ मिलकर हत्या की है। जब राजू को गिरफ्तार किया तो उसने बताया कि हत्या में उत्तरप्रदेश वासी बलराम भी शामिल था।
ये दो हुए बरी
सरकारी अधिवक्ता सुभाष चंद्र ने बताया कि 30 सितंबर 2016 को न्यायालय ने सत्यवान को उम्र कैद की सजा सुना दी थी। 2019 में बाकी आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। मंगलवार को एडीजे विवेक सिंघल ने आरोपित सुनील को उम्र कैद की सजा सुनाई। साथ में 50 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है। राजू व बलराम को अदालत ने बरी कर दिया।