किसानों को झटका, बारिश से खराब हो रही कपास, नहीं मिल पाएगा बीमा योजना का लाभ
कपास की फसल खराब होने पर बीमा योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। अप्रैल-मई में हो चुकी फसल की बिजाई। बीमा की प्रीमियम राशि अब तक नहीं हुई जमा। बगैर प्रीमियम राशि जमा हुए फसल बीमा योजना का नहीं मिलेगा लाभ।
जींद, जागरण संवाददाता। पिछले दिनों हुई भारी बारिश से कपास की फसल में नुकसान की आशंका है। किसानों को इस बारिश से हुए नुकसान का फसल बीमा योजना के तहत क्लेम भी नहीं मिल पाएगा। क्योंकि अभी तक बैंकों की तरफ से फसलों की बीमा की प्रीमियम राशि नहीं काटी गई है। फसलों का बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है।
बैंकों की तरफ से अंतिम दिनों में ही प्रीमियम राशि किसानों के खाते से काटी जाती है। फसल बीमा योजना के तहत जब तक प्रीमियम राशि नहीं कटेगी, फसलों का बीमा नहीं होगा। कपास की फसल की अधिकतर बिजाई अप्रैल व मई में हाे जाती है। लेकिन खरीफ फसलों के बीमा की प्रीमियम राशि जुलाई में कटती है। इस दो से ढाई माह की अवधि में फसल में जो भी नुकसान होगा, उसके लिए किसान को कोई क्लेम नहीं मिल पाएगा। जींद जिले में करीब 70 हजार हेक्टेयर में कपास की फसल है।
नरवाना और उचाना कपास मुख्य उत्पादक हलके हैं। इन दोनों हलकों में ज्यादा बारिश हुई है। अभी भी खेतों में पानी भरा हुआ है। किसान पानी की निकासी और फसल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए अधिकारियों के यहां चक्कर काट चुके हैं। कृषि विभाग कार्यालय के पास भी किसान पहुंच रहे हैं कि उन्हें कपास की नुकसान की भरपाई के लिए फसल बीमा योजना के तहत क्लेम दिलाया जाए। लेकिन कृषि अधिकारी बीमा की प्रीमियम राशि जमा नहीं होने का हवाला दे रहे हैं। विभाग की तरफ से इस मामले में मुख्यालय से गाइडलाइन मांगी जाएगी।
जब फसल की बिजाई हुई, उसी समय हो बीमा
किसानों का कहना है कि जब कपास की फसल की बिजाई अप्रैल व मई में हो जाती है, तो उसका बीमा भी उसी समय होना चाहिए। अब बारिश में फसल बर्बाद हो जाएगी, तो उसके बाद बीमा कराने का क्या फायदा होगा। सरकार को फसल बीमा योजना में जो खामियां हैं, उन्हें दूर करना चाहिए। बहुत से ऐसे नियम हैं, जिनके फेर में बीमा कंपनियां किसान को उलझाती हैं और किसान को योजना का लाभ नहीं मिल पाता।