Coronavirus Update Panipat : पानीपत में 397 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित, एक मरीज की माैत
पानीपत में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। हर रोज कहर बरपा रहा है। अब 397 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं एक मरीज की मौत भी हो गई। 200 से अधिक संक्रमित मरीज 45 साल से कम हैं।
पानीपत, जेएनएन। पानीपत में कोरोना का सोमवार को सबसे बड़ा कहर टूटा है। 397 मरीजों की रिपोर्ट पाजिटिव आई है। माडन टाउन निवासी 58 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई है। संक्रमण की दूसरी लहर 45 या इससे अधिक आयु के लोगों, बच्चों और बुजुर्गों को अधिक चपेट में ले रही है। इस माह के 19 दिनों में 18 मरीज दम तोड़ चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े देखें तो वर्ष 2020 में सबसे अधिक 3506 केस मिले थे, 38 मौत हुई थी। अप्रैल 2021 में महामारी विकराल रूप धारण कर चुकी है। मात्र 19 दिनों में 3098 मरीज मिले हैं और 18 की मौत हो चुकी है। सिविल सर्जन डा. संजीव ग्रोवर ने बताया कि माडल टाउन वासी व्यक्ति किडनी, उच्च रक्तचाप और शुगर रोग से ग्रस्त थे। निजी अस्पताल में उपचाराधीन थे। कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। 18 अप्रैल की रात्रि मरीज ने दम तोड़ दिया था।पॉश कालोनियों जैसे माडल टाउन, हशविप्रा के सेक्टरों सहित गांवों में कोरोना संक्रमित ज्यादा मिले हैं।
जिलावासियों ने कोविड-19 की गाइडलाइन का ठीक से पालन नहीं किया तो स्थिति खराब हो सकती है। सिविल सर्जन के मुताबिक सोमवार को 1290 सैंपल लिए गए हैं। पानीपत में कुल पाजिटिव 14 हजार 787 केसों में से 2191 एक्टिव हैं। 12 हजार 334 रिकवर हो चुके हैं। 78 मरीज अपने बताए पते पर नहीं हैं और 182 लोगों की मौत हो चुकी है।
इसलिए है वैक्सीनेशन जरूरी
जनवरी में 223 केस, दो मौत
फरवरी में 167 केस, दो मौत
मार्च में 783 केस, सात मौत
अप्रैल 19 तक 3098 केस, 18 मौत
शिफ्ट होगा एनआरसी
सिविल अस्पताल में 50 आइसोलेशन बेड बढ़ाने की तैयारी है। सोमवार को सिविल सर्जन ने प्रिंसिपल मेडिकल आफिसर डा. जितेंद्र कादियान, कोविड-19 के नोडल अधिकारी डा. सुनील संडूजा, डिप्टी एमएस डा. अमित पोरिया के संग बैठक की। इसमें तय हुआ कि पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) को दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाए ताकि उस एरिया को आइशोलेशन वार्ड के रूप में इस्तेमाल कर सकें।
ईएसआइ के चिकित्सकों की लेंगे मदद
स्वास्थ्य विभाग अब ईएसआइ अस्पताल के चिकित्सकों की सेवाएं लेगा। यहां के तीन चिकित्सकों को सैंपलिंग, वैक्सीनेशन या आइशोलेशन में लगाया जाएगा। ईएसआइ अस्पताल में 48 बेड का आइसोलेशन वार्ड हैं। वहां मरीज भर्ती किए जाएंगे, देखरेख व इलाज वहीं का स्टाफ करेगा।