पानीपत में बढ़ता कोरोना का खतरा, हर रोज 7 बच्चे चपेट में, महिला चिकित्सक सहित 140 संक्रमित
पानीपत में कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अगर अभी भी सावधान नहीं हुए तो गंभीर नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं। हर रोज सात बच्चे संक्रमित हो रहे। ईएसआइ अस्पताल की महिला चिकित्सक सहित 140 कोरोना पाजिटिव केस आए हैं।
पानीपत, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की चपेट में बच्चे भी जल्दी आ रहे हैं। पिछले आठ दिनों के आंकड़े देखें तो हर रोज औसतन सात बच्चे कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। वहीं,कोरोना के जिला में 140 नए मरीज मिले हैं। इनमें ईएसआइ अस्पताल की दंत रोग विशेषज्ञ भी शामिल हैं। इनके पति भी अस्पताल में डाक्टर हैं, उनका स्वाब सैंपल लिया गया है। सेक्टर-12 में एक परिवार के सात सदस्य संक्रमित हैं। रिफाइनरी में भी 10 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई है।
सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा ने बताया कि न्यू हाउसिंग बोर्ड कालोनी में तीन वर्ष की बच्ची व उसका पिता, सेक्टर-24 में महिला व 10 साल का बेटा, अंसल में बुजुर्ग दंपती, यहीं सास-बहू और बबैल में तीन केस मिले हैं। बाकी केस सुखदेव नगर, सैनी कालोनी, रमेश नगर, चुलकाना, सेक्टर-सात, बिजावा, नूरवाला, जाटल, यमुना एन्कलेव, विराट नगर, खलीला, माडल टाउन, आज़ाद नगर, तहसील कैंप, नांगल खेड़ी, सेक्टर- 6, धनसौली में मिले हैं।
55 केस रिकवर हुए हैं। सिविल सर्जन के मुताबिक मंगलवार को 1367 सैंपल लिए गए,लैब से 4151 की रिपोर्ट आनी है। जिला में 13 हजार 165 केसों में से 1063 एक्टिव हैं। 11 हजार 783 रिकवर हो चुके हैं। 66 मरीज लापता हैं, 171 मरीजों की मौत हो चुकी है।
निदेशक ने किया वैक्सीनेशन केंद्र का निरीक्षण
निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं, हरियाणा डा. बीके राजौरा मंगलवार को सिविल सर्जन के कार्यालय में पहुंचे और कोरोना वैक्सीनेशन की समीक्षा की। वैक्सीनेशन में पिछड़ने पर नाराजगी प्रकट करते हुए, संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। बता दें कि जिला पानीपत कोरोना वैक्सीनेशन में 22वें स्थान पर है। इस मौके पर सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा, डिप्टी सिविल सर्जन डा. सुनील संडूजा, डा. निशि जिंदल, डा. मनीष पासी मौजूद रहे।
कोविड-19 संक्रमण से बचाने के लिए बच्चों का रखें ध्यान : डा. निहारिका
सिविल अस्पताल की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. निहारिका ने बताया कि बच्चा यदि मां के दूध पर निर्भर है तो मां अपनी साफ-सफाई का ध्यान रखे। मास्क पहनकर ही स्तनपान कराए। मां के दूध में एंटीबाडी मिश्रित हैं, जो शिशु को संक्रमण से बचा सकती हैं। मां संक्रमित है तो दूध से बच्चे को संक्रमण हुआ हो, अभी तक ऐसी रिपोर्ट सामने नहीं आई है। बच्चा बड़ा है और परिवार के लिए बना भोजन का सेवन करता है तो उन्हें हेल्दी डाइट दें। डाइट में हरी सब्जियां, फल, दूध, अंडा और वेजिटेबल सूप जैसी खाद्य सामग्री को शामिल करें। खेल-खेल में बच्चों की पढ़ाई को जारी रखें। रूटीन टीकाकरण को मिस न होने दें ताकि बच्चे कई तरह के संक्रमण से बचें रहें। किसी बच्चे को तेज बुखार, सिरदर्द, सांस लेते में तकलीफ, उल्टी-दस्त, डायरिया, पेट में दर्द की समस्या है तो तुरंत अनुभवी चिकित्सक से परामर्श लें।
चिकित्सक ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन जारी है, 45 या इससे अधिक आयु वाले लोग टीका जरूर लगवाएं। परिवार के सभी सदस्यों की इम्यूनिटी मजबूत होगी, तो बच्चों को भी संक्रमण का खतरा कम रहेगा।
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