करनाल में संक्रमण का केंद्र बनी जेल, पांच दिन में मिले 232 कोरोना संक्रमित
करनाल में जेल में शनिवार को 72 संक्रमित पाए गए जेल में बंद सभी 1800 कैदियों की स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जा चुकी है स्क्रीनिंग जिले में ओवरआल संक्रमण के ग्राफ में आई गिरावट 85.25 पहुंचा रिकवरी।
करनाल, जेएनएन। करनाल में कोरोना संक्रमण के ग्राफ में तो कमी देखने को मिली है, लेकिन मौत का आंकड़ा अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है। शनिवार को 445 नए मामले सामने आए हैं, जिसमें 72 संक्रमित जिला जेल से मिले हैं। जेल में पिछले पांच दिन में 1800 कैदियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिसमें 232 संक्रमित मिल चुके हैं। जबकि मौत की बात की जाए तो शनिवार को सात मौत भी हुई हैं। कुल मौत का आंकड़ा अब तक 400 तक पहुंच गया है। राहत की बात यह है कि 612 मरीज ठीक भी हुए हैं। रिकवरी रेट सुधकर 85.27 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
अब तक लिए गए 340277 में से 304582 सैंपलों की रिपोर्ट नेगटिव आ चुकी है। जिले में अब तक 35910 संक्रमित केस सामने आए थे जिनमें से 30622 मरीज ठीक होकर घर चले गए। जिले का पॉजिटिविटी रेट 8.40 प्रतिशत तथा मृत्यु दर 1.11 प्रतिशत है। जिला में कोरोना वायरस के 4888 एक्टिव केस है। डीसी ने कहा कि सभी नागरिक लॉकडाउन के नियमों का पालन करें तथा घर पर रहें तथा पैनिक न बनाएं।
एसएमओ संदीप अबरोल संक्रमित, फोन से संभाली कमान
इंद्री व कुंजपुरा के एसएमओ संदीप अबरोल कोरोना महामारी से लड़ाई में खुद कोरोना पॉजिटिव हो गए। उन्होंने आइसोलेशन में रहते हुए भी कमान संभाले रखी। कोरोना को लेकर पल पल की खबर रखी और फोन के माध्यम से चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को समय-समय पर दिशा निर्देश देते रहे। साथ ही उच्चाधिकारियों को भी रोज रिपोर्ट करते रहे। डा. अबरोल पंचकुला निवासी हैं और करनाल में परिवार संग रहते हैं। आइसोलेशन में डाक्टर पत्नी ने हिम्मत बढ़ाई। उन्होंने कोरोना को मात दे आइसोलेशन से बाहर आने के बाद सबसे पहले सीएचसी इंद्री में नई बिल्डिंग में शिफ्टिंग का काम करवाया और दो-तीन दिन बाद ही डीसी निशांत कुमार, एसपी व एसडीएम सुमित सिहाग की उपस्थिति में कोविड हेल्थ केयर सेंटर बनवाया। इसके बाद कई गांवों में छोटे सेंटर बनाए गए, जहां पॉजिटिव आने पर ग्राम स्तर पर बनाए सेंटर में लोगों को रखने की सुविधा है। सही मायने में उन्हे कोरोना यौद्धा भी कह सकते हैं।
यह है जिले में बेड की स्थिति
डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि कोरोना महामारी का प्रकोप आए दिन बढ़ रहा है, लोगों को सावधान रहकर कोविड के नियमों की पालना करनी होगी। जिला में कोविड का मुकाबला करने के लिए सभी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिले के किसी भी व्यक्ति को पैनिक होने की जरूरत नहीं है। जिले में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। उपमंडल स्तर पर भी आठ सीएचसी में कोविड अस्पताल बनाए गए हैं, जहां पर ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है। अब गांव स्तर पर भी मरीजों को यह सुविधा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि कोरोना के उपचार के लिए जिला में कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त 20 प्राईवेट अस्पतालों व सीएचसी को अधिकृत किया गया है। जिले में 461 आक्सीजन सहित नॉन एसी बेड और 393 भरे हुए हैं तथा 55 बेड खाली हैं जबकि ऑक्सीजन सहित आईसीयू बेड 251 हैं, जिनमें 245 भरे हुए हैं तथा 6 खाली है।