कोरोना आशंकित का शव फ्रीजर में, दूसरे शवों के लिए अलग कक्ष
सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में तीन जुलाई की देर सायं कोरोना आशंकितों के शव रखने कर्मचारियों में दहशत की घटना जिला वासियों को याद होगी। घटना से सबक लेते हुए विभागीय अधिकारियों ने पुरानी मोर्चरी के एक कक्ष को तैयार करने का निर्णय लिया है। कोरोना आशंकितों के शवों को दूसरे शवों से अलग रखा जाएगा।
जागरण संवाददाता, पानीपत : सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में तीन जुलाई की देर सायं कोरोना आशंकितों के शव रखने, कर्मचारियों में दहशत की घटना जिलावासियों को याद होगी। घटना से सबक लेते हुए विभागीय अधिकारियों ने पुरानी मोर्चरी के एक कक्ष को तैयार करने का निर्णय लिया है। कोरोना आशंकितों के शवों को दूसरे शवों से अलग रखा जाएगा।
पोस्टमार्टम हाउस में आठ रैक हैं। तीन जुलाई को सभी रैक फुल थे। शाम के समय दो शव एंबुलेंस से लाए गए थे। स्वाब सैंपल लेने के बाद दोनों शव इमरजेंसी में रख दिए थे। स्टाफ ने हो-हल्ला किया तो शवों को पोस्टमार्टम हाउस स्थित डाक्टर के एसी केबिन में रखवाया गया था। रविवार को भी रैक फुल होने के कारण एक शव को स्ट्रेचर पर रखा गया। अब विभाग ने पुरानी मोर्चरी में एक कक्ष में दो एसी लगवाने का निर्णय लिया है।
अलग रखे जाएंगे शव
सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा ने पुष्टि करते हुए बताया कि स्वाब सैंपल लेने के बाद डेड बॉडी को रिपोर्ट आने तक, लीक प्रूफ बैग में अलग रखा जाता है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना और हत्या जैसे मामलों से जुड़े शव एसी कक्ष में स्ट्रेचर पर रखे जा सकते हैं। कोविड-19 संबंधित शव को अलग-अलग रैक में रखा जाएगा। पुरानी मोर्चरी में स्टोर रूम बना है, वहां का सामान दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जाएगा।
पुरानी मांग पर भी नहीं सुनवाई
पोस्टमार्टम हाउस के लिए शव व ऑर्गन तौल मशीन सहित अन्य उपकरणों के लिए करीब एक साल पहले डिमांड भेजी गई थी। बदबू और संक्रमण रोकने के लिए ऑर्डर कंट्रोल सिस्टम भी लगना था। अभी तक उपकरण नहीं मिले हैं। सिविल अस्पताल सहित सीएचसी-पीएचसी के लिए जरूरी उपकरणों की खरीदे के लिए 87 लाख रुपये का बजट मांगा था। इसमें से 43 लाख रुपये का बजट मंजूर हुआ है, रकम मिले तो उपकरणों की खरीद हो सके।