कोरोना की दूसरी लहर लगभग खत्‍म, गर्भवती रखें ख्याल, जानिए क्‍या कहना है चिकित्‍सकों का

कोरोना की दूसरी अब खत्‍म होने की कगार पर है। इसके बावजूद लापरवाही न बरतें। तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच अपना ख्‍याल रखें। वहीं गर्भवती महिलाएं इस पर ध्‍यान दें। चार से छह माह की गर्भवती कोरोना वैक्सीन का टीका जरूर लगवाएं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 07:59 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 07:59 AM (IST)
कोरोना की दूसरी लहर लगभग खत्‍म, गर्भवती रखें ख्याल, जानिए क्‍या कहना है चिकित्‍सकों का
कोरोना महामारी के दौरान गर्भवती महिलाएं विशेष ध्‍यान रखें।

पानीपत, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर दम तोड़ने की कगार पर है। इसके बावजूद गर्भवती महिलाओं को अपना विशेष ध्यान रखना होगा। खासकर, हाई रिस्क गर्भवती को महिला रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ के बताए दिशा-निर्देशों का पालन करना ही चाहिए। चार से छह माह की गर्भवती कोरोना वैक्सीन की डोज जरूर लगवाएं।

सिविल अस्पताल के प्रिंसिपल मेडिकल आफिसर (पीएमओ) एवं फिजिशियन डा. संजीव ग्रोवर ने यह जानकारी दी है। उन्होंने जागरण से बातचीत में बताया कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में संक्रमण ने हर उम्र के महिला-पुरुषों को चपेट में लिया है। गर्भवती महिलाएं भी संक्रमित मिली, यहां तक की कोरोना रिकवर महिला के गर्भ से जन्मा नवजात भी कोरोना पाजिटिव मिल चुका है। गर्भवती महिला का इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होता है, इसलिए बीमारी के गंभीर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में गभर्वती को मास्क पहनना, सुरक्षित शारीरिक दूरी रखना, हाथ साबुन से धोते रहना जैसे सभी नियमों का पालन करना चसहिए। भीड़ में न जाएं, ताकि संक्रमण का खतरा न रहे।

पीएमओ के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान रेगुलर चेकअप और टेस्ट समय पर कराएं। स्वस्थ आहार लें, खूब पानी पिएं, सुबह-शाम शुद्ध वातावरण में टहलें।

हाई रिस्क गर्भवती बरतें सतर्कता :

गर्भवती महिला के शरीर में रक्त की कमी, उच्च रक्तचाप, शुगर और श्वास संबंधी रोग है तो उसे हाई रिस्क में रखा जाता है। किन्हीं कारणों से पहले कई बार गर्भपात हुआ है तो उसे भी इसी श्रेणी में रखते हैं। इन महिलाओं को वही करना चाहिए, जो चिकित्सक ने सलाह दी है।

कोरोना संक्रमित होने पर :

कोई गर्भवती कोरोना संक्रमित हो जाए तो सबसे पहले खुद को आइसोलेट कर लें। हल्के लक्षण हैं तो घर में ही इलाज कराएं। इस दौरान अपने पास थर्मामीटर और आक्सीमीटर जरूर रखें। दिन में कम से कम तीर बार शरीर का तापमान और आक्सीजन लेवल चेक करें। तापमान 99 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा है ताे समझो बुखार है। आक्सीजन लेवल 74 से 100 के बीच होना चाहिए।

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