यमुनानगर में कोरोना काबू, सावधानी बरती तो जल्द मिल जाएगी इस महामारी से मुक्ति
यमुनानगर में कोरोना संक्रमण काबू होता दिख रहा है। महामारी से जल्द मुक्ति मिल सकती है। यमुनानगर में कोरोना संक्रमण के केस लगभगत खत्म होने को हैं। वहीं अब सैंपलिंग भी कम हो गई है। 98.32 फीसद है रिकवरी दर। 5.79 फीसद है पाजिटिविटी दर।
यमुनानगर, [अवनीश कुमार]। कोरोना फिलहाल काबू में है। इस समय जिले में महज दो सक्रिय केस हैं। रोजाना आने वाले केसों की संख्या भी घट रही है। विभाग ने रोजाना एक हजार सैंपल लेने का लक्ष्य रखा है, लेकिन अब यह लक्ष्य पूरा नहीं हो रहा है। पहले जहां रोजाना एक हजार से अधिक सैंपल लिए जाते थे। वहीं अब रोजाना यह आंकड़ा 500 से 700 तक ही पहुंच पाता है।
मार्च माह के बाद कोरोना की दूसरी लहर शुरू हुई थी। इसका सबसे अधिक असर अप्रैल व मई माह में रहा। इस दौरान सबसे अधिक मौतें हुई और कोरोना के भी सबसे अधिक मामले सामने आए। हालात यह रहे कि अस्पतालों में आक्सीजन व बेड की कमी पड़ गई। मरीजों काे परेशान होना पड़ा। जुलाई माह में हालात सामान्य होने लगे। फिलहाल कोरोना पूरी तरह से काबू में है, लेकिन अभी तीसरी लहर आने की आशंका भी जताई जा रही है।
सितंबर माह में सैंपलिंग की स्थिति
तारीख - कुल सैंपल - पाजिटिव
एक सितंबर - 700 - 2
दो सितंबर - 1130 - 0
तीन सितंबर - 937 - 1
चार सितंबर - 905 - 0
पांच सितंबर - 468 - 2
छह सितंबर - 1250 - 0
सात सितंबर - 979 - 1
आठ सितंबर - 1050 - 1
नौ सितंबर - 711 - 0
दस सितंबर - 513 - 1
11 सितंबर - 825 - 2
12 सितंबर - 363 - 1
13 सितंबर - 619 - 0
14 सितंबर - 1055 - 0
15 सितंबर - 536 - 0
16 सितंबर - 1138 - 0
17 सितंबर - 791 - 0
18 सितंबर - 728 - 0
19 सितंबर - 161 - 1
20 सितंबर - 1004 - 0
21 सितंबर - 612 - 0
22 सितंबर - 855 - 1
23 सितंबर - 338 - 0
24 सितंबर - 840 - 0
25 सितंबर - 768 - 0
26 सितंबर - 538 - 0
27 सितंबर - 945 - 0
यह स्थिति अब तक की
माह - सैंपल - पाजिटिव - रिकवर - मौत
जनवरी 2021 - 22541 - 327 - 423 - 13
फरवरी 2021 - 20568 - 170 - 187 - 4
मार्च 2021 - 24033 - 1486 - 933 - 9
अप्रैल 2021 - 36470 - 6336 - 5338 - 49
मई 2021 - 43731 - 8785 - 9393 - 153
जून 2021 - 27961 - 914 - 1644- 35
जुलाई 2021 - 28349 - 58 - 87 - 5
अगस्त 2021- 26692 - 40 - 40 - 4
अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए जा रहे सैंपल
स्वास्थ्य विभाग ने फ्लू कार्नर बनाया हुआ है। जहां पर संदिग्ध लक्षणों वाले मरीजों के सैंपल लिए जा रहे हैं। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर भी सैंपलिंग की जा रही है। अधिकतर लोग सरकारी अस्पताल में ही सैंपलिंग करा रहे हैं। निजी लैब पर भी सैंपलिंग की सुविधा है, लेकिन वहां पर महज दो फीसद लोग ही सैंपल कराने जा रहे हैं।