आउटसोर्सिंग के 23 वर्कर्स को ठेकेदार ने थमाया नोटिस, अस्पताल में धरना जारी
सिविल अस्पताल में आउटसोर्सिंग कर्मियों का धरना रविवार को (पांचवें दिन) भी जारी रहा। उधर हड़ताल व आंदोलन में शामिल 23 कर्मचारियों को निश्चय इंडिया कंपनी ने नोटिस जारी किया हुआ है। नोटिस में सेवाएं समाप्त करने की बात कही गई है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : सिविल अस्पताल में आउटसोर्सिंग कर्मियों का धरना रविवार को (पांचवें दिन) भी जारी रहा। उधर, हड़ताल व आंदोलन में शामिल 23 कर्मचारियों को निश्चय इंडिया कंपनी ने नोटिस जारी किया हुआ है। नोटिस में सेवाएं समाप्त करने की बात कही गई है। अब धरनारत कर्मी नोटिस वापस लेने, पुरानी मांगों को पूरी करने की मांग में अड़े हैं।
उधर, सिविल अस्पताल प्रशासन ने आउटसोर्सिंग वर्कर्स को ड्रेस बदलने के लिए रूम नंबर 126 दे दिया है। कक्ष संख्या 122 पहले से है, यहां वर्कर्स अपना सामान रख सकते हैं, बैठकर भोजन खा सकते हैं। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर पर धरना दे रहे कर्मचारियों का आरोप है कि ठेकेदार हर माह मानदेय नहीं देता। कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) व ईएसआइ सुविधा को अपडेट नहीं करता। अधिकारी घरों में काम कराते हैं। पूर्व सूचना के बाद हड़ताल-आंदोलन में शामिल हुए, इसके बावजूद नोटिस थमाए जा रहे हैं। ठेकेदार, नोटिस वापस लेने के साथ मांगों को मान ले तो उसी दिन काम पर लौट जाएंगे।
प्रिसिपल मेडिकल आफिसर डा. संजीव ग्रोवर ने बताया कि सोमवार को ठेकेदार को बुलाकर बात की जाएगी ताकि नारेबाजी बंद हो। अस्पताल में 218 आउटसोर्सिंग वर्कर्स ड्यूटी पर होने चाहिए। इसकी जिम्मेदारी आउटसोर्सिंग कंपनी निश्चय इंडिया की है। समाधान कराया जाएगा
अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. अमित पोरिया ने कहा कि आउटसोर्सिंग स्टाफ की मांग पर ड्रैस बदलने और सामान रखने के लिए दो कमरे दिए गए हैं। इनकी जो भी जायज मांगें होंगी, ठेकेदार को बुलाकर समाधान कराया जाएगा। कर्मचारियों के आरोप गलत
निश्चय इंडिया के सुपरवाइजर रामकेश ने बताया कि आउटसोर्सिंग के कुछ कर्मी बिना सूचना के हड़ताल-आंदोलन में शामिल होते रहे। इसी कारण उनके नाम नोटिस जारी किए गए हैं। ईपीएफ और ईएसआइ हर वर्कर का अपडेट है, स्वजनों के नाम न होने, नाम गलत होने जैसी त्रुटियां हैं, उन्हें भी ठीक कराएंगे। हर माह 10 तारीख से पहले सेलरी जारी होगी। अधिकांश मांगें पहले से ही पूरी
पांच दिन से अस्पताल में धरना दे रहे कर्मियों का नेतृत्व कर रहे दिनेश ने कहा कि ईपीएफ और ईएसआइ, रूम देने, नोटिस वापस लेने, समय पर सेलरी देने का ठोस आश्वासन मिलते ही ड्यूटी पर लौटने को तैयार हैं। पांच दिन के धरने के दौरान ठेकेदार या अस्पताल का प्रतिनिधि बात करने नहीं आया।