आशियाना बनाना महंगा, बिल्डिंग मटेरियल सीमेंट, सरिये से लेकर सभी निर्माण सामग्री के दाम छू रहे आसमान

आशियाना बनवाने का सपना देख रहे लोगों के लिए यह खबर जरूरी है। कोरोना महामारी में भवन निर्माण सामग्री की एक तरफ जहां मांग घट गई है वहीं इनके दाम आसमान को छू रहे हैं। सीमेंट से लेकर ईंट सरिये के दाम बढ़ गए।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 08:58 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 08:58 AM (IST)
आशियाना बनाना महंगा, बिल्डिंग मटेरियल सीमेंट, सरिये से लेकर सभी निर्माण सामग्री के दाम छू रहे आसमान
बिल्डिंग मटेरियल के दाम बढ़ गए हैं।

यमुनानगर, जेएनएन। कोरोना महामारी के कारण लगे लाकडाउन का असर केवल खाने-पीने के सामान पर ही नहीं पड़ा है। बल्कि भवन निर्माण सामग्री के रेट भी दो माह से आसमान को छू रहे हैं। बढ़ती कीमतों के चलते लोग निर्माण नहीं कर पा रहे हैं। इससे कइयों के तो घर का सपना अधूरा रहा गया है या फिर कीमतों में कमी आने का इंतजार कर रहे हैं। सीमेंट, रेत, बजरी से लेकर सरिया, ईंट सबके रेट में काफी वृद्धि हो चुकी है। इससे निर्माण सामग्री की मांग 50 फीसद तक घट गई है।

सीमेंट, सरिया के रेट ज्यादा बढ़े

इसी तरह सीमेंट प्रति बैग 350 रुपये से 380 रुपये बिक रहा है। जबकि सरिया 5800 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। शहर कमल इंटरप्राइजिज के संचालक अर्जुन ने बताया कि कईं सीमेंट कंपनियों की शहर में कुछ चुनिंदा दुकाने हैं। इसलिए वह लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हैं। वह लोगों को मनचाहे रेट पर सीमेंट बेच रहे हैं। इसीलिए वह 380 से 390 रुपये तक सीमेंट बेच रहे हैं। सरिये 6200 रुपये क्विंटल हो गया था, लेकिन कुछ दिन से यह 5700 से 5800 रुपये पर आ गया है। उन्होंने बताया कि कच्चे माल की कमी के चलते सरिये का रेट बढ़ा हुआ है। अभी दो माह तक कीमतें इसके आसपास ही बनी रह सकती हैं। क्योंकि आगामी सीजन मानसून का है। कीमतें बढ़ने से इस वक्त डिमांड भी 50 फीसद तक रह गई है।

5100 रुपये प्रति हजार पहुंचा ईंट का रेट

इस वक्त ग्रामीण क्षेत्र में ईंट 5000 रुपये तथा शहर में 5100 रुपये प्रति हजार रुपये में बिक रही है। ईंट भट्ठा एसोसिएशन के पूर्व प्रधान मेवा राम का कहना अप्रैल के बाद ईंटों के रेट में बढ़ोतरी हो जाती है। क्योंकि इस दौरान खेतों में खड़ी फसल कट जाती है। फसल बेचने पर लोगों को जो पैसा मिलता है उससे लोग निर्माण कार्य करते हैं। निर्माण शुरू होने से इससे जुड़ी सभी सामग्री की मांग बढ़ जाती है। इसी तरह रेत भी काफी महंगा हो गया है। ईंटों की चिनाई के लिए मोटा रेत 2000 रुपये प्रति क्विंटल तथा प्लस्तर के लिए रेत 2300 रुपये प्रति सैकड़ा मिल रहा है। जानकार रेत की कीमतें बढ़ने का कारण ओवरलोड पर अंकुश लगना है। पकड़े जाने के डर से सप्लायर सीमित मात्रा में ही रेत, बजरी लेकर आ रहे हैं।

लोग बोले बजट बिगड़ गया है

बिलासपुर निवासी मुकेश कुमार ने बताया कि उन्होंने घर का निर्माण किया है। इसके लिए रेत, बजरी व सरिया बहुत महंगा खरीदा था। जिससे उनका सारा बजट गड़बड़ा गया। परंतु अब रेत बहुत महंगा हो गया है। इसलिए जिस कारण वह घर में प्लस्तर नहीं करवा पा रहे। पता नहीं रेट कब कम होगा। इसी तरह प्रदीप कुमार ने बताया कि उसे घर की प्रथम मंजिल पर कमरों का निर्माण करना था। लेकिन सीमेंट, सरिये व रेत का रेट बहुत ज्यादा हो गया है। इसलिए वह रेट कम होने का इंतजार कर रहे हैं।

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