कांग्रेसियों का जीटी रोड की सियासत का पैदल मार्च, जानिए इसके ये खास सियासी मायने

पानीपत शहर। जीटी रोड बेल्‍ट का प्रमुख शहर। इस सीट पर हार और जीत पूरी बेल्‍ट को प्रभावित करती है। पिछली दो बार से शहर सीट से कांग्रेस हार रही है। भाजपा जीत रही है। इसी के साथ भाजपा सरकार भी बना रही है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 08:32 AM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 08:32 AM (IST)
कांग्रेसियों का जीटी रोड की सियासत का पैदल मार्च, जानिए इसके ये खास सियासी मायने
पानीपत में कांग्रेस का पैदल मार्च रहा, फैक्‍ट्री से बुलाए बच्‍चे और महिलाएं।

पानीपत, जेएनएन। कांग्रेस का पैदल मार्च अपने साथ कई सवाल भी छोड़ गया। शहर में रोष जुलूस निकाला गया और शहर के ही कार्यकर्ताओं की अनुपस्थिति स्पष्ट कर गई कि कांग्रेस का हाथ, फिलहाल तो गुटबाजी के साथ है। चौंकाने वाली बात तो ये रही कि इस प्रदर्शन में कामगार अपने बच्चों को भी साथ ले आए। फैक्ट्री से लाए गए इन कामगारों की जगह, शहर के नेताओं, कार्यकर्ताओं का साथ लिया जाता तो सियासी मैदान पर टीम कांग्रेस मजबूत होती।

एक तरफ संजय अग्रवाल थे तो दूसरी तरफ ओमवीर पंवार। दोनों ही अपनी ताकत दिखा रहे थे तो धर्मपाल गुप्ता भी पीछे नहीं थे। शहर से कांग्रेस के बड़े नेता बुल्ले शाह, साथ होकर भी पीछे ही थे। उनके कार्यकर्ता आसपास भी नहीं थे। हालात ये दिखे कि जिन कामगारों को इस प्रदर्शन में बुलाया गया, वे अपने नेता तक को नहीं पहचानते थे। कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा के बारे में भी उन्हें नहीं पता था। जाहिर है, इन्हें केवल भीड़ बढ़ाने के लिए बुलाया गया था। कांग्रेस के पैदलमार्च में किस नेता की क्या भूमिका रही, इसके सियासी मायने क्या हैं...पढ़िए ये रिपोर्ट।

संजय अग्रवाल इसलिए मुखर थे, कहां कमजोर रहे

पिछले विधानसभा चुनाव में शहर सीट से संजय अग्रवाल चुनाव लड़े थे। दरअसल, तब बुल्ले शाह ने टिकट लेने से इन्कार कर दिया। कुमारी सैलजा के माध्यम से संजय अग्रवाल टिकट ले आए। चुनाव तो नहीं जीत सके, लेकिन इस बार सक्रिय हैं। सोनीपत निगम चुनाव कांग्रेस जीत चुकी है। सो, संजय अग्रवाल को लगता है कि हवा का रुख बदला तो वह जीत दर्ज कर सकते हैं। इसलिए कुमारी सैलजा का कार्यक्रम उन्होंने पानीपत में कराया। अपने कार्यकर्ताओं, कामगारों से भीड़ बढ़ाई। पर शहर के कार्यकर्ताओं को नहीं बुला पाए।

बुल्ले शाह के समर्थक इसलिए पीछे रहे

बुल्ले शाह के समर्थक इस पूरे पैदलमार्च से पीछे रहे। दरअसल, उन्हें मालूम था कि भीड़ बढ़ी तो संजय अग्रवाल के नंबर बढ़ेंगे। फिर, उन्होंने संजय अग्रवाल को एक मौका दिया खुद से भीड़ बढ़ाकर दिखाने का। शाह के कट्टर समर्थक सुरेश बवेजा ने तो इतना तक कह दिया कि उन्हें किसी ने बुलाया ही नहीं।फिर वह क्यों अपने समर्थकों के साथ पैदलमार्च में जाएं। बुल्ले शाह के साथ वह जरूर थे। आगे भी रहेंगे। बच्चों को बुलाया जाना गलत था।

ओमवीर पंवार इसलिए सक्रिय

कांग्रेस के जिला प्रवक्ता ओमवीर पंवार इन दिनों ज्यादा सक्रिय हैं। ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं। सो, ग्रामीण सीट से ही टिकट के दावेदार हो सकते हैं। कुमारी सैलजा के साथ सबसे आगे रहे। ग्रामीण एरिया से उन्होंने अपने समर्थकों को पैदल मार्च में बुलाया भी। हालांकि धर्मपाल गुप्ता उनके लिए खतरे की घंटी हो सकते हैं। इसके अलावा बिल्लू कादियान, खुशीराम जागलान, सचिन कुंडू, जगदेव मलिक भी कमजोर दावेदार नहीं हैं।

नजरें प्रेम सचदेवा पर भी...

इस पैदलमार्च में प्रेम सचदेवा भी नजर आए। लंबे समय के बाद वह सार्वजनिक कार्यक्रम में दिखे हैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक थे। संजय अग्रवाल, बुल्ले शाह अगर टिकट लेने में पिछड़ते हैं तो प्रेम सचदेवा भी बाजी मार सकते हैं।

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