यमुनानगर में लाखों रुपयों से बनी व्यायामशालाओं की हालत खस्ता, नजर आती है टूटी हुई दिवारें, लंबी-लंबी घास

यमुनानगर में वर्ष 2018 में 25 गांवों में पार्क एवं व्यायामशालाओं का उद्घाटन किया था। तब एक व्यायामशाला पर औसतन 25 लाख रुपये खर्च किए गए थे। जिनमें से अधिकतर की हालत खस्ता हो चुकी है। इनकी दीवारें टूट चुकी हैं। अंदर घास उगी हैं।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Tue, 31 Aug 2021 03:31 PM (IST) Updated:Tue, 31 Aug 2021 03:31 PM (IST)
यमुनानगर में लाखों रुपयों से बनी व्यायामशालाओं की हालत खस्ता, नजर आती है टूटी हुई दिवारें, लंबी-लंबी घास
यमुनानगर में व्यायामशालों में उग आई लंबी-लंबी घास

जागरण संवाददाता, यमुनानगर। सैर व योग कर ग्रामीण स्वस्थ रहें इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में प्रशासन द्वारा पांच मई 2018 को जिले में 25 व्यायामशालाओं का उद्घाटन किया था। जिनमें से अधिकतर की हालत खस्ता हो चुकी है। इनकी दीवारें टूट चुकी हैं। अंदर घास उगी हैं। कइयों में तो घास इतनी बड़ी हो चुकी है कि अंदर खड़ा व्यक्ति भी दिखाई नहीं देता। व्यायामशाला की जिन सड़कों पर चल कर लोगों को सैर करनी थी वे टूट चुकी हैं। उद्घाटन के बाद से अधिकारियों ने भी इनसे किनारा कर लिया। जब अधिकारियों ने ही इनमें जाना छोड़ दिया तो ग्रामीण क्यों पीछे रहते। इनकी हालत इतनी खराब हो चुकी है कि घर के सामने होने के बावजूद लोग इनमें सैर करने के लिए नहीं जाते।

यहां बनी थी व्यायामशाला

वर्ष 2018 में 25 गांवों में पार्क एवं व्यायामशालाओं का उद्घाटन किया था। तब एक व्यायामशाला पर औसतन 25 लाख रुपये खर्च किए गए थे। जिला के बहादुरपुर, हरीपुर कांबोयान, फिरोजपुर, राइयां, महमूदपुर, टोपराकलां, बैंडी, संधाली, बकाना, धोलरा, कनीपला, तेवर, छलौर, रामपुर हेडीयान, पैंसल, रामखेड़ी, गूगलों, मसाना जटान, फतेहगढ़, बेगमपुर, भोजपुर, सुघ समेत अन्य गांवों के युवाओं व अन्य लोगों के लिए व्यायामशाला का निर्माण किया गया था। ये इसलिए बनाई गई थी ताकि लोग सुबह- शाम इनमें सैर करने के साथ-साथ व्यायाम करके खुद को स्वस्थ रख सकें। परंतु अधिकारियों की अनदेखी से इनकी हालत उजड़े चमन जैसी हो गई है।

व्यायामशाल के अंदर की तस्वीर

विभागों के बीच में फंस कर रह गई

पार्क एवं व्यायामशाला की देखरेख व मरम्मत दो विभागों के बीच में फंस कर रह गई है। पहले ये खेल विभाग के पास थी। लेकिन बाद में इन्हें आयुष विभाग को ट्रांसफर कर दिया गया। अब इनकी फाइल किसके पास है इसे लेकर भी अधिकारी कुछ स्पष्ट नहीं करना चाहते। इसलिए इनकी देखरेख न होने से योगशाला की आज यह हालत हो गई है। इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। इनमें जो शौचालय बनाए गए थे उनमें तो पानी भी नहीं आता। शौचालयों में लगी टोंटी चोरी हो चुकी हैं।

व्यायामशाला बनी जौहड़, सड़कें भी टूटी

जगाधरी-बिलासपुर मार्ग पर महमूदपुर गांव में बनी व्यायामशाला एक साल से खस्ता हालत में है। इसके तीन तरफ खेत हैं। किसान जब खेतों में पानी देते हैं तो सारा पानी रिसाव के साथ व्यायामशाला में भर जाता है। गत वर्ष ही इसकी मरम्मत कराई गई थी। परंतु अंदर फिर से इसमें घास उग चुकी है। चारों तरफ इसमें लंबी झाड़ियां उगी हुई हैं। गांव के लोगों का कहना है कि देखरेख के अभाव में लोगों ने इसमें आना ही छोड़ दिया। इसमें पांव रखने तक की जगह नहीं है। जबकि यह गांव के बिल्कुल पास है।

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