शहर की तर्ज पर गांवों में भी बनेंगे सामूहिक शौचालय
पंचायत को आबादी के आसपास करीब 100 वर्गगज जमीन देनी होगी। शौचालय के निर्माण पर दो लाख रुपये लागत आएगी जिसमें पंचायत का अंशदान 20 हजार का होगा।
धर्म देव झा, समालखा: स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर की तर्ज पर अब गांवों में भी सामूहिक शौचालय बनाए जाएंगे। पंचायत को आबादी के आसपास करीब 100 वर्गगज जमीन देनी होगी। शौचालय के निर्माण पर दो लाख रुपये लागत आएगी, जिसमें पंचायत का अंशदान 20 हजार का होगा। महिला और पुरुषों के लिए पांच-पांच शौचालय होंगे। पानी-बिजली की व्यवस्था सहित शौचालय की देखरेख का जिम्मा पंचायत का होगा। बीडीपीओ ने इसके लिए इच्छुक पंचायतों से प्रस्ताव मांगा है। ओडीएफ के लिए जरूरी है शौचालय
पानीपत जिला खुले में शौच मुक्त घोषित हो चुका है, जबकि गांवों में कुछ गरीब के पास अभी भी शौचालय की दिक्कत है। घुमंतू समुदाय के लोग भी सामूहिक शौचालय नहीं होने से ओडीएफ को ग्रहण लगाते हैं। उनके पास अपना शौचालय नहीं होता है। योजना को सख्ती से लागू करने के लिए सरकार ने पंचायतों से यह प्रस्ताव मांगा है। कुछ पंचायतों के पास नहीं है जमीन
खंड के सिबलगढ़, राक्सेड़ा, बुढ़नपुर व जीतगढ़ पंचायत के पास अपनी जमीन नहीं है। सिबलगढ़ में कई लोगों के पास शौचालय की दिक्कत है। लोग यमुना की ओर शौच के लिए जाते हैं। जमीन के अभाव में यहां योजना को सिरे चढ़ाना कठिन है। प्रस्ताव के मिलते ही एक माह के भीतर शुरू होगा काम
पंचायतीराज एसडीओ सुरेश अंतिल ने इसकी पुष्टि की है। वहीं ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर कांता व नरेंद्र कुमार ने कहा कि योजना का पूरा खाका तैयार है। आमदनी के अभाव में 20 हजार नहीं दे पाने वाले पंचायतों में भी सामूहिक शौचालय का निर्माण होगा। वहां का सारा खर्च सरकार वहन करेगी। शौचालय की सुरक्षा, पानी, बिजली, सफाई आदि की देखरेख पंचायत की होगी। असफल रहा है सार्वजनिक शौचालय का प्रयोग
कस्बे में सार्वजनिक शौचालय का प्रयोग पूरी तरह असफल रहा है। नपा के कस्बे में 14 प्री कास्ट और दो सार्वजनिक शौचालय हैं, जहां सफाई, पानी और देखरेख का घोर अभाव है। बिजली की व्यवस्था को कहीं नहीं है।