300 प्रजाति के पौधों का संग्रह, कई लुप्तप्राय पौधे भी हैं जींद में इनके पास

जींद के रहने वाले जगदीप को पेड़ पौधों का काफी शौक है। जगदीप के घर में पीपल बड़ के 35 साल पुराने पेड़ गमलों में लहलहा रहे हैं। साथ ही 300 प्रजाति के पौधों का संग्रह हैं। कई लुप्तप्राय पौधे भी हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 04:19 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 04:19 PM (IST)
300 प्रजाति के पौधों का संग्रह, कई लुप्तप्राय पौधे भी हैं जींद में इनके पास
जींद के रहने वाले जगदीप के घर लगे पीपल के पौधे।

जींद, जेएनएन। इनसे मिलिए। ये हैं शिक्षक जगदीप सिंह। पर्यावरण प्रेमी। इनके पास बैठेंगे तो घंटों तक पौधों पर बात करते रहेंगे। ऐसे पौधों के नाम याद हैं, जिनके बारे में आपने कभी सुना भी नहीं होगा। इनके घर पर आप देखेंगे तो ऐसी वैरायटी हैं, जो लुप्तप्राय हो चुकी हैं। बोनसाई साइज के एक से बढ़कर एक सुंदर शानदार चौड़ी पत्ती वाले छोटे-बड़े आकार के पौधे। ऐसे अनगिनत पौधों की भरमार है, जो पुष्प मेलों को छोड़कर आपको कहीं देखने को नहीं मिलेंगे।

जींद में हकीकत नगर स्थित जगदीप सिंह के घर में घुसते ही आपको पेड़ों की ताजी सुगंधित हवा और फूलों व पत्तियों की भीनी-भीनी खुशबू आएगी।  इनका दोमंजिला मकान पौधों से भरा हुआ है। चारों तरफ हरियाली। जगदीप सिंह बताते हैं कि उनके पास करीब 300 वैरायटी के करीब 1500 पौधे हैं। इनमें 15 से लेकर 35 साल तक के बोनसाइ पेड़ भी हैं, जो गमलों में लगे हुए हैं। जगदीप सिंह कहते हैं कि बड़, पीपल, पिलखन सहित काफी ऐसे पेड़ हैं, जो दिन-रात आक्सीजन देते हैं। लोग इस नेचुरल आक्सीजन से दूर हो रहे हैं और अस्पतालों में महंगी ऑक्सीजन खरीदने को मजबूर हैं।

टूटे मटके में लगाया था पहला पौधा

जगदीप कहते हैं कि 30 साल पहले पहली बार घर में टूटे मटके में मनी प्लांट का पौधा लगाया था। गमले महंगे होते थे, इसलिए पुराने बर्तनों व बाल्टी में पौधे लगाए। अब वह घर पर ही सीमेंट के गमले बनाते हैं।

इन पौधों के नाम नहीं सुने होंगे

जगदीप सिंह कहते हैं कि हर साल दो साल बाद बसंत या बारिश के समय गमले को रिपोट करना चाहिए। पूरा गमला खाली करके पौधे की जड़ का जाल काटकर मिट्टी पलटकर दोबारा लगाना चाहिए। उनके घर में अंजीर, पिलखन, बरगद, पीपल, पारस पीपल, मधुकामिनी, चैरी, करौंदा, चाइनीज करौंदा, मनी प्लांट, सहजन का पेड़, अशोका ट्री, चांदनी का पौधा, बिगनोनिया वेस्टा बेल, गुगल व चीड़, झुमका बेल, जुई बेल, फाइकस, एरोकेरिया, रबिश पाम, नोलीना, एरिका पाम, फोनिक्स पाम, किग पाम, साइकद, चमेली बेल, रात की रानी बेल, बोगन बेल, मोगरा की बेल व पौधा, चंपा पौधा, बोटल ब्रुश के पौधे खुशबू फैला रहे हैं।

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