Coal and Bricks Price Hike: कोयले के दामों में रिकार्ड बढ़ोत्तरी, ईंट के रेट में भी दिख रहा असर
Coal and Bricks Price Hike कोयले के दामों में रिकार्ड तेजी आई है। आठ महीने में नौ से 22 रुपये प्रति किलो कोयला पहुंच गया है। इसका असर ईंटों के दामों में भी पड़ा है। ईंटों के रेट 5300 रुपये से बढ़कर सात हजार रुपये प्रति हजार तक पहुंचे।
कैथल, जागरण संवाददाता। लोगों को सपनों का घर बनाना लगातार महंगा पड़ रहा है। करीब चार महीने से निर्माण सामग्री के रेट बढ़ रहे हैं। ऐसे में लोगों को घर का निर्माण करने में कई बार सोचना पड़ रहा है। सीमेंट, सरिया, रेता और ईंटों के रेट बढ़ रहे हैं। सबसे ज्यादा रेट ईंटों के बढ़ रहे हैं। करीब आठ महीने पहले तक जो ईंट 5300 रुपये प्रति हजार के हिसाब से मिलती थी, आज उनकी कीमत 6500 से सात हजार रुपये प्रति हजार के हिसाब से हो चुकी है।
ईंटों के रेट बढ़ने का कारण है, लगातार बढ़ रहे कोयले के रेट। करीब आठ महीने पहले कोयला नौ रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल जाता था। चार महीने पहले तक 12 रुपये प्रति किलो कोयला था। करीब 15 दिनों से 22 रुपये प्रति किलो के हिसाब से कोयला मिल रहा है। गांधीनगर गुजरात से काेयला की सप्लाई हो रही है। ईंटों के रेट बढ़ने का कारण कोयले के अलावा डीजल के दामों में बढ़ोतरी होना भी है। करीब आठ महीने पहले डीजल के रेट करीब 75 रुपये प्रति लीटर था, जो अब 96 रुपये के करीब पहुंच चुका है। वाहनों का खर्चा बढ़ गया है, जिस कारण ईंटों के रेटों पर भी प्रभाव पड़ रहा है।
ठीक रेट में कोयला उपलब्ध करवाए सरकार
जिला भट्ठा एसोसिएशन के जिला प्रधान मुकेश जैन ने बताया कि लगातार कोयला और डीजल के रेट बढ़ रहे हैं। बढ़ रहे रेटों के कारण ही ईंटें महंगी होती जा रही हैं। उनकी सरकार से मांग है कि भट्ठा संचालकों को ठीक रेट में कोयला उपलब्ध करवाया जाए। अगर उन्हें ठीक रेट में कोयला मिलेगा तो रेट बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आठ महीने पहले जो कोयला नौ रुपये प्रति किलो मिलता था, वह अब 22 रुपये प्रति किलो तक मिल रहा है। अगर भट्ठा संचालकों का खर्च कम होगा तो ही लोगों को भी सस्ते रेट पर ईंटें मिल सकेंगी।