यमुनानगर में नगली घाट पार कराने के नाम पर हो रही थी अवैध वसूली, सीएम फ्लाइंग ने तीन पकड़े
नगली घाट पर यमुना नदी में उत्तर प्रदेश को जोडऩे के लिए पुल बन रहा है। उसके साथ ही ठेकेदार ने आने जाने के लिए अस्थायी रास्ता बना रखा है परंतु यहां पर लोगों से आवाजाही के नाम पर अवैध वसूली होती है।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। यमुनानगर के रादौर में नगली घाट पर आवाजाही के नाम पर वाहन चालकों से की जा रही अवैध वसूली की सूचना पर सीएम फ्लाइंग की टीम ने रेड की। इस दौरान वहां ठेकेदार के कर्मचारी वाहन चालकों से अवैध वसूली करते पाए गए। टीम ने ऐसे तीन कर्मचारियों को पकड़ा और मामले की सूचना तहसीलदार रादौर व बीडीपीओ को दी। नायब तहसीलदार कुंवरदीप सिंह व बीडीपीओ कंवरभान मौके पर पहुंचे। जांच करने पर पता चला कि अवैध वसूली का काम लंबे समय से चल रहा था। ठेकेदार के कर्मचारी वाहन चालकों से 100 से 300 रुपये तक ले रहे थे। रेड करने पहुंची टीम में सब इंस्पेक्टर दिनेश कुमार, एएसआइ जितेंद्र व राजबीर शामिल थे।
जठलाना पुलिस को दी शिकायत में एसआइ दिनेश कुमार ने बताया कि नगली घाट पर यमुना नदी में उत्तर प्रदेश को जोडऩे के लिए पुल बन रहा है। उसके साथ ही ठेकेदार ने आने जाने के लिए अस्थायी रास्ता बना रखा है, परंतु यहां पर लोगों से आवाजाही के नाम पर अवैध वसूली होती है। उन्होंने योजना बनाकर घाट पर रेड की। जहां गुमथला निवासी जोगिंद्र, संधाली गांव का रजत व खुखनी गांव का सतीश वाहन चालकों से रुपये ले रहे थे। घाट सतीश कलसौरा के नाम है। घाट पर वाहन चालकों से 300 रुपये तक भी वसूल किए जाते थे। जिससे लोग परेशान थे। पकड़े गए लोगों को पुलिस के हवाले कर दिया गया।
नाव से आवाजाही का है ठेका
लोगों को यमुना नदी पार करने में कोई असुविधा न हो इसके लिए प्रशासन ने घाट का ठेका दे रखा है। गुमथला घाट में नगली, संधाला व गुमथला का क्षेत्र में आता है। नियमानुसार यहां ठेकेदार को नाव चलानी होती है। जिससे ही वह लोगों को यमुना नदी पार करवाता है। इसकी एवज में प्रशासन की ओर से निर्धारित राशि वाहन चालकों व अन्य लोगों से ठेकेदार ले सकता है, परंतु नगली घाट पर बनाए गए अस्थाई रास्ते पर ही ठेकेदार द्वारा यह वसूली वाहन चालकों से की जा रही थी।
हर वर्ष चर्चा में रहते है घाट के ठेकेदार
आवाजाही घाट के ठेकेदार हर वर्ष चर्चा में रहते है। पहले भी ठेकेदारों व खनन एजेंसियों के साथ लंबा विवाद चलता रहा। आवाजाही के नाम पर ठेकेदार खनन एजेंसी संचालक से भी अपना हिस्सा मांगता था, लेकिन विवाद बढ़ गया। नौबत झगड़े तक की आई। यमुना नदी के रास्ते शराब माफिया भी अपना धंधा करते हैं जो कि अवैध वसूली की मदद से होता है। पशु तस्कर व नशे का काम करने वाले भी इसी रास्ते का प्रयोग करते है।