मिट्टी के दीयों से रोशन होंगे घर, पिछले साल से 20 प्रतिशत तक बढ़ी डिमांड

मिट्टी के दीये बनाने वाले कारीगरों के लिए राहत भरी खबर है। इस बार पिछले साल की अपेक्षा दीपावली पर्व के लिए मिट्टी के दीयों की डिमांड बढ़ी है। कोरोना काल के दौरान मिट्टी के बर्तनों के कारोबार पर काफी प्रभाव पड़ा था।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 05:59 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 05:59 PM (IST)
मिट्टी के दीयों से रोशन होंगे घर, पिछले साल से 20 प्रतिशत तक बढ़ी डिमांड
जींद में मिट्टी के दीयों की मांग।

जींद, जागरण संवाददाता। दीपावाली के त्योहार पर इस बार स्थानीय स्तर पर कारीगरों द्वारा बनाए गए मिट्टी के दीये घरों को रोशन करेंगे। बाजार में इन दीयों की मांग बढ़ गई है। कोरोना काल के दौरान मिट्टी के बर्तनों का कारोबार जो पूरी तरह से ठप हो चुका था, अब फिर से पटरी पर लौटने लगा है। मांग बढ़ने से इस काम में जुटे कारीगरों के हौसले भी बुलंद हैं। सामान तैयार करने में कारीगरों के साथ उनके स्वजन भी हाथ बंटाने में जुटे हैं।

मिट्टी दीये तैयार करने वालों की मानें तो अरसे से इलेक्ट्रानिक उपकरणों के बाजार में सस्ते दाम में उपलब्ध होने से उनके कारोबार पर बुरा असर पड़ा था। मिट्टी के दीये तैयार करने में मेहनत और लागत अधिक होने से बाजार में उनकी बिक्री पूरी तरह ठप हो गई थी। लेकिन अब लोगों का चाइनीज वस्तुओं के प्रति क्रेज कम हुआ है, लेकिन इस बार लोगों की दीये बनवाने के लिए अच्छी डिमांड आ रही है।

दीये बनाने को चाक ने पकड़ी रफ्तार: कृष्ण

कृष्ण प्रजापत ने बताया कि दीपावली पर धन लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मिट्टी के दीये बनाने का काम शुरू कर दिया है। कुम्हारों के चाक ने रफ्तार पकड़ ली है। उन्हें इस बार अच्छी बिक्री की उम्मीद है। मिट्टी के दिये बनाने के लिए परिवार के सभी सदस्य हाथ बंटा रहे हैं। कोई मिट्टी गूंथने में लगा है तो किसी के हाथ चाक पर मिट्टी के बर्तनों को आकार दे रहे हैं।

बिक्री बढ़ने की उम्मीद: अमित

अमित प्रजापति बताते हैं कि इस बार उम्मीद है कि कुछ ज्यादा दीये की बिक्री होगी। पिछले साल करीब तीस हजार दीपक व मिट्टी के अन्य सामग्री बेची थी। इस बार उम्मीद है कि पचास हजार से साठ हजार तक दीये की बिक्री होगी। रेट भी पांच से आठ रुपये दिए का है। पिछले वर्ष से 20 फीसदी तक दीये की डिमांड बढ़ी है।

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