एमपीलैड फंड से सिविल अस्पताल को मिलेंगी 40 लाख की मशीनें और सामान
कोविड-19 की तीसरी लहर से निपटने में सिविल अस्पताल प्रशासन हर संभव मशीनरी जुटाना चाहता है। इसी कड़ी में एमपीलैड फंड (संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना) से अनुमानित 40 लाख रुपये की मशीनरी-सामान खरीदा जाना है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : कोविड-19 की तीसरी लहर से निपटने में सिविल अस्पताल प्रशासन हर संभव मशीनरी जुटाना चाहता है। इसी कड़ी में एमपीलैड फंड (संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना) से अनुमानित 40 लाख रुपये की मशीनरी-सामान खरीदा जाना है। प्रिसिपल मेडिकल आफिसर (पीएमओ) डा. संजीव ग्रोवर ने सिविल सर्जन डा. जितेंद्र कादियान के माध्यम से जिला परिषद पानीपत व जिला परिषद करनाल को सूची भिजवा दी है।
पीएमओ ने बताया कि मई-2021 में सिविल अस्पताल, आइसोलेशन वार्ड के नोडल अधिकारी डा. वीरेंद्र ढांडा और डा. केतन भारद्वाज सांसद संजय भाटिया से मिले थे। तभी सांसद ने सिविल अस्पताल को एमपीलैड फंड से 40 लाख रुपये देने की घोषणा की थी, ताकि जिन जरूरी उपकरणों की जरूरत है, उनकी पूर्ति हो सके। मई के अंत में 30 लाख 90 हजार (अनुमानित कीमत) के उपकरणों व अन्य सामान की सूची सिविल सर्जन कार्यालय को सौंप दी थी। सूची में एबीजी मशीन, होरिजोंटल आटोक्लेव, बाइपेप मशीन, एचएफएनसी मशीन, ईसीजी मशीन, पांच हजार एन-95 मास्क आदि शामिल हैं। सिविल सर्जन कार्यालय से भी मशीनरी व सामान की सूची सूची जिला परिषद पानीपत व जिला परिषद करनाल को सूची भिजवा दी गई है। पीएमओ के मुताबिक सौंपी गई सूची में शामिल मशीनरी-सामान सिविल अस्पताल को मिल जाता है तो कामकाज ठीक से सुचारू रह सकता है। सौंपी गई सूची :
मशीनरी-सामान अनुमानित कीमत
02 होरिजोंटल आटोक्लेव 10,00,000
12 मल्टी पैरामीटर 12,00,000
01 एबीजी मशीन 5,00,000
20 इंफ्यूजन पंप 3,00,000
02 ईसीजी मशीन 1,50,000
50 आक्सीजन फ्लोमीटर 2,00,000
02 एचएफएनसी मशीन 1,60,000
05 बाइपेप मशीन 2,50,000
50 एनआइपी मास्क 15,000
100 एनआरएम मास्क 40,000
5000 एन-95 मास्क 1,00,000
50 ग्लूकोमीटर 75,000 एबीजी मशीन :
आर्टिरीअल ब्लड-गैस एनालाइसिस (एबीजी) मशीन गहन चिकित्सा यूनिट (आइसीयू) के लिए बहुत आवश्यक है। सिविल अस्पताल में यह मशीन नहीं है। मशीन से ब्लड सैंपल लेकर मरीजों के शरीर में आक्सीजन, कार्बन डाइआक्साइड, अमोनिया, हीमोग्लोबिन, सोडियम व पोटेशियम की स्थिति जानने में आसानी होगी। दिल, गुर्दे और फेफड़ों की स्थिति का पता चल सकेगा। बाइपेप मशीन :
बाइलेवल पाजिटिव एयरवे प्रेशर (बाइपेप) मशीन का उपयोग गंभीर मरीज सांस लेने के लिए करता है। मशीन फेफड़ों में आक्सीजन पहुंचाती है। कोरोना के गंभीर मरीज, जिन्हें श्वास लेने में कठिनाई होती है, उनके लिए मशीन कारगर है। एचएफएनसी मशीन :
हाई फ्लो नेजल कैनुला (एचएफएनसी) मशीन जीवन रक्षक की भूमिका निभाएगी। इससे एक मिनट में मरीज को 60 लीटर तक आक्सीजन देकर जीवन बचा सकते हैं। कोरोना के मरीजों के लिए मशीन कारगर होगी। होरिजोंटल आटोक्लेव मशीन :
उपकरणों को स्टरलाइज, यानि साफ करने के लिए आटोक्लेव मशीन काम में आती है। कोरोना संकट में संक्रमण बढ़ने की कोई आशंका न रहे, इसलिए हर अस्पताल में इस मशीन का होना जरूरी है। सूची भेजना हमारा काम
पीएमओ डा. संजीव ग्रोवर ने बताया कि जरूरी उपकरणों की सूची मांगी गई थी। हमने 18 मई को ही सिविल सर्जन कार्यालय में भिजवा दी थी। मशीनरी जितनी जल्द मिल जाएं, उतनी शीघ्र इंस्टाल हो जाएंगी। बहुत जल्द मिलेगा पैसा
जिला परिषद, पानीपत के कार्यकारी अधिकारी विवेक चौधरी ने बताया कि रकम करनाल जिला परिषद के माध्यम से आनी है। हमारा काम प्रशासनिक मंजूरी, एस्टीमेट बनाकर करनाल भिजवाना था। सभी औपचारिकता पूरी हो गई हैं, रकम जल्द मिलेगी।