इंडियन सिन्थैटिक रबड़ प्राइवेट लिमिटेड से सिविल अस्पताल को मिले 96 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर

कोरोना महामारी में आक्सीजन को लेकर मारामारी के बीच विभिन्न कंपनि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 07:30 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 07:30 AM (IST)
इंडियन सिन्थैटिक रबड़ प्राइवेट लिमिटेड से सिविल अस्पताल को मिले 96 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर
इंडियन सिन्थैटिक रबड़ प्राइवेट लिमिटेड से सिविल अस्पताल को मिले 96 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर

संवाद सूत्र, रिफाइनरी:

कोरोना महामारी में आक्सीजन को लेकर मारामारी के बीच विभिन्न कंपनियां सहयोग को लेकर आगे आ रही हैं। इंडियन सिंथैटिक रबड़ प्राइवेट लिमिटेड ने भी अपने सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रम के तहत डीसी धर्मेंद्र सिंह व मुख्य महाप्रबंधक मानव संसाधन आइएसआरपीएल मुकेश शर्मा की मौजूदगी में पानीपत सिविल अस्पताल को 96 ऑक्सीजन कंसट्रेटर भेंट किए। इससे कोविड के मरीजों को ऑक्सीजन मिलेगी। मुख्य महाप्रबंधक मुकेश शर्मा ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में ऑक्सीजन कंसट्रेटर कोरोना पीड़ितों की जान बचाने में सहायक सिद्ध होगा। वहीं डीसी धर्मेंद्र सिंह ने कंपनी प्रबंधन की प्रशंसा की। इस मौके पर सीएमओ जितेन्द्र कादियान, दिनेश चन्द्र सक्सेना, अप्रेश जना, सुमेश रजक, प्रभाकर सिंह मौजूद रहे। कोरोना से जंग : जिले के पांच गांवों में बनेंगे आइसोलेशन वार्ड कोरोना संक्रमण गांवों में पैर पसार गया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने भी धरातल पर जंग की तैयारी कर ली है। अब जिले के पांच हाटस्पॉट गांव डिडवाड़ी, बापौली, नांगलखेड़ी, मतलौडा और चुलकाना में पांच से दस बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाने की तैयारी की जा रही है।

डिप्टी सिविल सर्जन डा. शशि गर्ग ने बताया कि इन गांवों में बनने वाले आइसोलेशन वार्ड में उस ब्लॉक के माइल्ड पॉजिटिव मरीजों को भर्ती किया जाएगा। यहां मेडिकल, पैरामेडिकल, आशा-आंगनबाड़ी वर्कर्स व शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी। बहु उद्देश्यीय स्वास्थ्य वर्कर्स, सुपरवाइजर सहित अन्य की सूची तैयार हो चुकी है, रोस्टर बनाना बाकी है। आइसोलेशन वार्ड 24 घंटे रनिग में रहेंगे। डॉ. ललित वर्मा को इन केंद्रों का भी नोडल बनाया गया है। ग्रामीणों के स्वास्थ्य जांच हेतु टीम को थर्मल स्कैनर, आक्सीमीटर, पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध कराई जाएंगी।

डॉ. गर्ग के मुताबिक कोविड-19 के गंभीर-अति गंभीर मरीजों को तत्काल सरकारी अस्पताल के लिए रेफर किया जाएगा। शहर-गांव के मरीजों की बनेगी सूची :

कोराना संक्रमित और मृतकों को अब दो भागों में विभाजित किया जाएगा। शहरी क्षेत्र और देहात के मरीजों की अलग-अलग सूची बनेगी। इसके अलावा आशा वर्कर्स घरों में जाकर खांसी-बुखार के मरीजों का डाटा एकत्र कर विभाग को देंगी।

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