सिविल अस्पताल के आउटसोर्सिंग कर्मी चार दिन से धरने पर, शोषण का आरोप
सिविल अस्पताल में आउटसोर्सिंग कर्मियों का धरना शनिवार को चौथे दिन भी जारी रहा। हालांकि शनिवार को आधे कर्मचारी ड्यूटी करते देखे गए। धरना दे रहे कर्मचारी निश्चय इंडिया कंपनी के मालिक व सुपरवाइजर पर आर्थिक और सामाजिक शोषण का आरोप लगा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : सिविल अस्पताल में आउटसोर्सिंग कर्मियों का धरना शनिवार को चौथे दिन भी जारी रहा। हालांकि, शनिवार को आधे कर्मचारी ड्यूटी करते देखे गए। धरना दे रहे कर्मचारी निश्चय इंडिया कंपनी के मालिक व सुपरवाइजर पर आर्थिक और सामाजिक शोषण का आरोप लगा रहे हैं।
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर पर धरना दे रहे कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सिविल सर्जन, प्रिसिपल मेडिकल आफिसर भी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सोमदत्त और दिनेश ने बताया कि आउटसोर्सिंग फर्म निश्चय इंडिया ईएसआइ और ईपीएफ अपडेट नहीं कर रही है। कंपनी सुपरवाइजर कर्मचारियों को जान से मारने की धमकी व गाली-गलौज करता है।
उन्होंने बताया कि पांच अक्टूबर को कुछ कर्मचारी लिखित नोटिस देकर चंडीगढ़ में आयोजित आंदोलन में शामिल होने के लिए गए थे। इसके बावजूद कर्मचारियों से लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया। दीपावली से पहले वेतन नहीं मिलने पर पांच नवंबर को भी धरना दिया गया, उस समय भी कंपनी के सुपरवाइजर का रवैया आपत्तिजनक रहा था।
उन्होंने कहा कि ड्रेस बदलने के लिए अस्पताल में चेजिग रूम तक नहीं है। अधिकारी अपने आवास पर काम कराते हैं। मांगों को लेकर आवाज उठा रहे 12 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को भी ज्ञापन ट्वीट किया गया है। ठेकेदार को चेतावनी दी
प्रिसिपल मेडिकल आफिसर डा. संजीव ग्रोवर ने बताया कि 50-60 कर्मचारी धरने पर हैं। इनकी समस्या का समाधान निश्चय इंडिया को करना है। अस्पताल में 218 आउटसोर्सिंग की नियुक्ति है। ठेकेदार को चेतावनी दी गई है, ड्यूटी पर कर्मचारियों की संख्या पूरी चाहिए। सोमवार तक समाधान नहीं हुआ तो आगामी एक्शन लिया जाएगा।