पढ़ाई में न पिछड़ें बच्चे, अब हर घर स्कूल अभियान की शुरुआत

शिक्षा विभाग कोरोना महामारी के बीच बच्चों के लिए एकाएक पहल कर रहा है ताकि पढ़ाई में न पिछड़ सकें। बच्चों की शिक्षा को लेकर ऐसे ही अभियान की शुरुआत समग्र शिक्षा परिषद की ओर से की गई है जिसे हर घर स्कूल अभियान का नाम दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 09:43 AM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 09:43 AM (IST)
पढ़ाई में न पिछड़ें बच्चे, अब हर घर स्कूल अभियान की शुरुआत
पढ़ाई में न पिछड़ें बच्चे, अब हर घर स्कूल अभियान की शुरुआत

जागरण संवाददाता, पानीपत : शिक्षा विभाग कोरोना महामारी के बीच बच्चों के लिए एकाएक पहल कर रहा है ताकि पढ़ाई में न पिछड़ सकें। बच्चों की शिक्षा को लेकर ऐसे ही अभियान की शुरुआत समग्र शिक्षा परिषद की ओर से की गई है, जिसे हर घर स्कूल अभियान का नाम दिया गया है। इसके तहत पास आउट विद्यार्थियों को वालंटियर्स बना पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों को प्रारंभिक भाषा की शिक्षा दी जाएगी।

कोविड-19 के चलते प्रदेश के सभी स्कूलों में 15 जून तक ग्रीष्मकालीन छुट्टियां हैं। एक जून से केवल 50 फीसद शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक स्टाफ ही स्कूल आ रहा है। समग्र शिक्षा अभियान की जिला परियोजना समन्वयक कौशल्या आर्य के मुताबिक कि समग्र शिक्षा और एलएलएफ (भाषा और सीखने की नींव) द्वारा हर घर स्कूल अभियान की शुरुआत की गई है। इसके तहत बच्चों की भाषा की दक्षता को बेहतर बनाने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत करीब 500 वालंटियर्स तैयार किए जाएंगे। जोकि 12वीं पास होंगे।

उन्होंने बताया कि एक गांव में तीन वालंटियर्स को जिम्मेदारी दी जाएगी। एलएलएफ के सहयोग से बच्चों को अभ्यास पुस्तिका उपलब्ध कराई जाएगी। जिन बच्चों के अभिभावकों के पास स्मार्ट मोबाइल फोन नहीं है। उन बच्चों को वालंटियर्स अपने मोबाइल से पढ़ाएंगे। डीपीसी ने बताया कि किताबों में अक्षर, वर्ण, कविता और कहानियों को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है, ताकि बच्चे उन्हें पढ़ने में अपनी रुचि दिखाएं और जल्दी सीखें। साथ ही एबीआरसी व बीआरपी के सोशल मीडिया ग्रुप बनाए जाएंगे।

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