करनाल लाठीचार्ज मामले में दो को चढ़ूनी की गवाही, राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव को अभी नोटिस नहीं
करनाल लाठीचार्ज मामले की जांच शुरू हो गई है। जस्टिस एसएन अग्रवाल सुबह पीडब्ल्यू रेस्ट हाउस पहुंचे। यहां पर गवाहों को बुलाया गया। करीब दो बजे तक कोर्ट में गवाही हुई। इसके बाद जस्टिस अग्रवाल ने दैनिक जागरण संवाददाता से बातचीत की।
करनाल, जागरण संवाददाता। करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर लाठचार्ज मामले में जांच शुरू हो गई है। पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट जस्टिस एसएन अग्रवाल जांच के लिए करनाल पहुंचे। पीडब्ल्यू रेस्ट हाउस में कोर्ट बनाया गया। गवाही के लिए किसानों को बुलाया गया था। दोपहर दो बजे तक गवाही हुई। इसके बाद जस्टिस एसएन अग्रवाल ने जागरण संवाददाता से बातचीत की। उन्होंने बताया कि चढ़ूनी को भी गवाही के लिए बुलाया गया है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस एसएन अग्रवाल ने कहा कि कल गवाही नहीं की जाएगी। इसके बाद तीन दिन लगातार किसानों की गवाही होगी। उन्होंने कहा कि दो नवंबर को हरियाणा किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी को भी गवाही के लिए नोटिस भेजा गया है।
वहीं इस मामले में प्रशासन की ओर से एसडीएम आयुष सिन्हा, डीसी निशांत यादव, एसपी गंगाराम पुनिया सहित अन्य पुलिसकर्मियों के भी बयान दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अभी जांच के लिए एक माह का समय मिला है। करनाल लाठीचार्ज के प्रकरणमें कम से कम चार माह का वक्त लगेगा। इसके चलते सरकार से तीन महीने का समय और मांगा जाएगा।
वहीं, उन्होंने कहा कि अभी किसान नेता राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव को नोटिस नहीं भेजा गया है। अगर किसी गवाही में उनका नाम शामिल होता है या मामले में उनकी भी भूमिका होगी तो जरूरत पड़ने पर गवाही के लिए बुलाया जा सकता है। वहीं कुछ कार्रवाई पंचकूला स्थित कार्यालय में भी की जाएगी।
जानिए क्या था पूरा मामला
करनाल में 28 अगस्त को सीएम मनोहर लाल समीक्षा बैठक के लिए पहुंचे थे। किसानों के विरोध की वजह से पुलिस प्रशासन अलर्ट था। बसताड़ा टोल प्लाजा पर बैठे किसानों ने विरोध शुरू कर दिया था। किसान शहर की तरफ बढ़ने लगे। इससे तकरार हो गई। पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया। इसी दौरान एसडीएम आयुष सिन्हा का एक वीडियो वायरल हुआ।