सिविल अस्पताल में 35 दिव्यांगों के बने प्रमाण-पत्र, पुराने हुए आनलाइन

सिविल अस्पताल में दिव्यांगों के प्रमाण-पत्र बनाने के लिए विशेष शिविर का आयोजन हुआ। कुल 43 दिव्यांगों ने आवेदन किया। इनमें से 30 के ही प्रमाण पत्र बने बाकी को खानपुर और रोहतक पीजीआई भेजा गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 09:39 PM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 09:39 PM (IST)
सिविल अस्पताल में 35 दिव्यांगों के बने प्रमाण-पत्र, पुराने हुए आनलाइन
सिविल अस्पताल में 35 दिव्यांगों के बने प्रमाण-पत्र, पुराने हुए आनलाइन

जागरण संवाददाता, पानीपत : सिविल अस्पताल में दिव्यांगों के प्रमाण-पत्र बनाने के लिए विशेष शिविर का आयोजन हुआ। कुल 43 दिव्यांगों ने आवेदन किया। इनमें से 30 के ही प्रमाण पत्र बने, बाकी को खानपुर और रोहतक पीजीआई भेजा गया।

इस बार प्रमाण-पत्रों को आनलाइन करने के लिए विशेष टीम भी शिविर में मौजूद रही। प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दिव्यांग सुबह साढ़े आठ बजे अस्पताल पहुंचने शुरू हो गए थे। संख्या कम होने के कारण किसी प्रकार की आपाधापी नहीं मची। प्रमाण-पत्र बनवाने पहुंचे अधिकांश दिव्यांग व उनके स्वजन कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन करते दिखे। दो गज की शारीरिक दूरी व मास्क पहने का पालन नहीं हुआ। दो दिव्यांगों को बौद्धिक क्षमता के आकलन के लिए रोहतक पीजीआई रेफर किया। पांच को कान की जांच के लिए खानपुर, लकवा के मरीज को करनाल भेजा गया। प्रिसिपल मेडिकल आफिसर डा. संजीव ग्रोवर ने बताया कि सिविल अस्पताल में फिजिशियन नहीं है, लकवाग्रस्त दिव्यांगों को करनाल भेजा जाता है। कान-नाक-गला विशेषज्ञ हैं। सुनने की क्षमता जांचने वाला आडियोलाजिस्ट भी है, लेकिन वह संविदा पर है। लीगल मेडिकल में उसकी रिपोर्ट मान्य नहीं है। इसलिए खानपुर रेफर किया जाता था। मानसिक रोगियों की बौद्धिक क्षमता जांचने की सुविधा नहीं है, इसलिए रोहतक भेजा जाता है।

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