आनलाइन फ्राड से बचने के लिए शिक्षकों के साथ अभिभावकों को करेंगे जागरूक

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने आनलाइन गेमिग को लेकर शिक्षा दी। इस दौरान अभिभावकों को बताया गया कि वह बच्चों को फोन देते समय उनपर नजर रखें।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 05:00 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 05:00 AM (IST)
आनलाइन फ्राड से बचने के लिए शिक्षकों के साथ अभिभावकों को करेंगे जागरूक
आनलाइन फ्राड से बचने के लिए शिक्षकों के साथ अभिभावकों को करेंगे जागरूक

जागरण संवाददाता, पानीपत : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने आनलाइन गेमिग को लेकर शिक्षकों व बच्चों के अभिभावकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में साफ कहा गया है कि तकनीक के नए युग में आनलाइन गेम बच्चों को उत्तेजित कर रहे हैं। यह एडिक्शन में बदल रहा है। कंप्यूटर, मोबाइल, इंटरनेट और टैबलेट पर आनलाइन गेम आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। खासकर महामारी के दौरान स्कूल बंद होने पर बच्चों में मोबाइल व इंटरनेट का इस्तेमाल भी बढ़ा है। ऐसे में सीबीएसई ने सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों को आनलाइन गेमिग के नुकसान के बारे में विद्यार्थियों के साथ उनके अभिभावकों को भी जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। अभिभावकों को बताया जाएगा कि किस तरह से विद्यार्थी की गतिविधियों को रोक सकते हैं। इसको लेकर उन्हें क्या क्या कदम उठाने होंगे। ओटीपी आधारित पेमेंट का ही रखें विकल्प--

सीबीएसई की ओर से अभिभावकों की अनुमति के एप्लीकेशन से खरीदारी न करने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही अभिभावकों को भी क्रेडिट या डेबिट कार्ड पर आनलाइन शापिग की लिमिट तय करने और मोबाइल में एंटी वायरस डाउनलोड करने को लेकर प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही अनजान लोगों से आनलाइन बातचीत न करने, गेम पार्टनर के साथ पर्सनल जानकारी शेयर न करने जैसे टिप्स दिए जा रहे हैं। सीबीएसई की जिला कोर्डिनेटर विनीता तोमर ने बताया कि अभिभावकों को जागरूक किया जा रहा है कि वो अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें। इन बातों का ध्यान रखें अभिभावक

--आनलाइन गेम खरीदारी की लिमिट तय करें।

--बच्चे के साथ गेम खेलकर देखें कि वह क्या खेलता है।

--बच्चों की प्राइवेसी बनाए रखने के लिए असली नाम व जानकारी न साझा न करें।

--एंटी वायरस अपलोड करने के अलावा पेरेंटस कंट्रोल और सेफ्टी फीचर भी आन रखें।--आनलाइन गेम खेलते हुए कुछ समस्या होती है तो तुरंत स्क्रीनशाट लें।

--बच्चा जो गेम खेल रहा है उसकी उम्र रेटिग जांचें।

--अभिभावक सुनिश्चित करें बच्चा परिवार के सामने ऑनलाइन गेम्स खेले।

--शिक्षक समय- समय पर टेक्नोलाजी व इंटरनेट के फायदे-नुकसान बताएं।

--स्वजन बच्चों के बदलते व्यवहार पर नजर रखें।

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