यमुनानगर में EPFO कार्यालय में CBI का छापा, एक लाख रिश्वत के साथ प्रवर्तन अधिकारी सहित दो गिरफ्तार

यमुनानगर में सीबीआई ने ईपीएफओ कार्यालय में छापा मारा। सीबीआई ने कार्यालय से ईपीएफओ अधिकारी और एक अन्य व्यक्ति को रिश्वत के एक लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया। टीम ने कार्यालय से कुछ रिकार्ड भी कब्जे में लिया है। पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें ये खबर

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 10:04 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 10:04 PM (IST)
यमुनानगर में EPFO कार्यालय में CBI का छापा, एक लाख रिश्वत के साथ प्रवर्तन अधिकारी सहित दो गिरफ्तार
यमुनानगर में ईपीएफओ कार्यालय के बाहर  खड़े सीबीआइ के अधिकारी। 

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) जगाधरी के कार्यालय पर सीबीआइ की टीम ने रेड की। सीबीआई ने एक लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में ईपीएफओ कार्यालय के प्रवर्तन अधिकारी अनिल कुमार व एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। टीम ने कार्यालय से कुछ रिकार्ड भी कब्जे में लिया है। सीबीआइ ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बुधवार को दोनों को पंचकुला कोर्ट में पेश किया जाएगा। यहां से उनको रिमांड पर भी लिया जा सकता है।

विभागीय जांच का बनाया बहाना

शिकायतकर्ता ने सीबीआइ को शिकायत दी थी कि वह लक्कड़ का कारोबार करता है। उसकी फर्म में कर्मचारी काम करते थे। ईपीएफओ कार्यालय जगाधरी के कर्मचारियों ने उन्हें बताया था कि उसने नवंबर 2018 से जुलाई 2019 के दौरान का अपनी फर्म के कर्मचारियों का बकाया पीएफ उनके खाते में जमा नहीं कराया है। कार्यालय से जानकारी मिलने के बाद उसने कर्मचारियों का बकाया पीएफ उनके खाते में जमा करवा दिया था। इसके बावजूद ईपीएफओ कार्यालय के प्रवर्तन अधिकारी अनिल कुमार ने उसकी फर्म के विरुद्ध सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 के तहत जांच पड़ताल शुरू कर दी। वह इस बार में प्रवर्तन अधिकारी से मिला। उसने अधिकारी से पूछा कि जब उसने कर्मचारियों का बकाया पीएफ जमा करवा दिया है तो जांच क्यों की जा रही है। यह गलत है। इस पर प्रवर्तन अधिकारी ने कहा कि यह विभागीय कार्रवाई है। इसकी जांच करनी पड़ेगी। कुछ दिन बाद जांच बंद कर दी जाएगी, परंतु कई माह तक अधिकारी बेवजह उसके ऐसे ही चक्कर कटवाते रहे। जिससे वह परेशान हो गया।

एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी

कुछ दिन पहले अनिल कुमार ने उससे कहा कि यह वह जांच को बंद करवाना चाहता है तो इस संबंध में वह बाहर अशोक नाम के व्यक्ति से मिले। वह उन्हें जांच बंद कराने का सारा रास्ता बता देगा। अशोक ने उससे कहा कि वह एक लाख रुपये प्रवर्तन अधिकारी को दे दे। इसके बाद कोई उसे परेशान नहीं करेगा। वह समझ गया कि उससे रिश्वत मांगी जा रही है। जबकि उसने कुछ भी गलत नहीं किया है। उसने रिश्वत मांगे जाने की शिकायत सीबीआइ को कर दी। सीबीआइ के कहे अनुसार रुपये देने का समय मंगलवार को निश्चित किया गया। सीबीआइ की टीम ने अपनी योजना के अनुसार प्रवर्तन अधिकारी व अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान टीम ने ईपीएफओ कार्यालय परिसर की भी तलाशी ली। पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।

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