सामूहिक दुष्कर्म की जांच की आंच खाकी पर, अंबाला में दो इंस्पेक्टर समेत आठ पर केस दर्ज

पुलिस ने नारायणगढ़ के युवक समेत 40 लोगों को बनाया था आरोपित। पंचकूला पुलिसकर्मियों पर मारपीट 50 हजार रुपये लेने के आरोपों पर अब केस दर्ज। सीसीटीवी फुटेज में मारपीट करते दिखाई देता है पुलिस इंस्पेक्टर। अब मामले में दो इंस्‍पेक्‍टर सहित आठ पर केस दर्ज कर लिया गया।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 11:30 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:30 AM (IST)
सामूहिक दुष्कर्म की जांच की आंच खाकी पर, अंबाला में दो इंस्पेक्टर समेत आठ पर केस दर्ज
अंबाला में पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज कर किया गया।

नारायणगढ़ (अंबाला), संवाद सहयोगी। साल 2018 में एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच में जुटी पुलिस अब खुद नारायणगढ़ थाने में दर्ज हुए मामले में उलझ गई है। सीसीटीवी फुटेज में पुलिसकर्मी भी मारपीट करते दिखाई दे रहे हैं। वीरवार देर रात नारायणगढ़ थाना पुलिस ने कपिल ठाकुर की शिकायत पर दो इंस्पेक्टर सहित आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस कर्मचारियों पर मारपीट करने, कार ले जाने और कार से 50 हजार रुपये निकालने के आरोप लगे हैं।

वर्ष 2018 में पंचकूला पुलिस सामूहिक दुष्कर्म के मामले में जांच करने के लिए नारायणगढ़ आई थी और सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने के आरोप में शिव कुमार और कपिल ठाकुर पर केस दर्ज किया था। आरोप था कि दोनों ने आरोपित विष्णु को छुड़वाने का प्रयास किया है जो कि सामूहिक दुष्कर्म के मुकदमे में वांछित था। वीरवार को नारायणगढ़ पुलिस ने इंस्पेक्टर नवीन सहाराण, कर्मवीर सिंह, एएसआइ प्रदीप कुमार पंचकूला, ओम प्रकाश पंचकूला, हेडकांस्टेबल रविंद्र पाल पंचकूला, कंवरपाल पंचकूला, प्रविंदर पंचकूला, ईएचसी लखमीरा पंचकूला के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जिन पुलिसकर्मियों पर नारायणगढ़ थाने में केस दर्ज किया गया है, वे सामूहिक दुष्कर्म के मामले में जांच करने के लिए गांव लौटों आए थे।

पुलिस कर्मचारियों पर ये आरोप

दूध की डेयरी चलाने वाले कपिल ठाकुर ने शिकायत में कहा कि एक मई 2020 को नौ से 10 पुलिस कर्मचारी प्राइवेट गाड़ी में आए और उनके चाचा विष्णु को पकड़ लिया। आरोप है कि रुपये मांगे और नहीं देने पर उसके साथ मारपीट करने लगे। पुलिसकर्मी गाड़ी की चाबी मांग रहे थे, जिस पर एतराज करने पर कपिल से भी मारपीट शुरू कर दी। आरोप है कि चाचा-भतीजा दोनों की पिटाई की और दादा कुलदीप सिंह को भी धक्का देकर नीचे गिरा दिया। बाद में पुलिसकर्मी नारायणगढ़ थाने ले गए और वहां पर मुकदमा दर्ज करवा दिया। आरोप है कि कार को दो दिन बाद वापस कर दिया, लेकिन उसमें से 50 हजार रुपये निकाल लिए। दो मई 2020 को सुबह छोड़ दिया, जिसके बाद कपिल ने नारायणगढ़ नागरिक अस्पताल से मेडिकल भी कराया। एमएलआर की प्रतिलिपि और सीडी जिसमें दो वीडियो क्लिप थी, वह भी दी गई। इसकी शिकायत करने पर कार्रवाई नहीं हुई। जब इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, तो उच्चाधिकारियों और मानवाधिकार आयोग चंडीगढ़ को शिकायत भेजी।

मानवाधिकार आयोग ने जांच पर सवाल उठाए

मानवाधिकार आयोग को जब शिकायत दी तो आयोग ने जांच रिपोर्ट मांगी। जांच रिपोर्ट के साथ-साथ आयोग ने वीडियो क्लिप देखी और एमएलआर की रिपोर्ट को भी पढ़ा। आयोग ने साफ कहा कि डीएसपी ने इस मामले में जांच पक्षपतापूर्ण तरीके से की है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि आरोपित शिकायतकर्ताओं को पीट रहे हैं। इसके अलावा एमएलआर में जो चोटें दर्शाई गई हैं, उसको भी नजरंदाज किया गया है। ऐसे में साफ दिख रहा है कि जांच सही तरीके से नहीं की गई, जबकि पुलिस के पक्ष में की गई है।

इस मामले की जांच मानवाधिकार आयोग चेयरपर्सन के आदेश पर नारायणगढ़ थाना पुलिस ने केस दर्ज किया है।

इस तरह सामूहिक दुष्कर्म के मामले में हुई थी कार्रवाई

सन 2018 में सामूहिक के मामले में 40 लोगों को आरोपित बनाया गया था। इस मामले में पीडि़त महिला के पति का नाम भी उछला था। बाद में मामला तूल पकड़ा तो एसआइटी बना दी गई। लंबे समय तक एसआइटी ने जांच की और 21 महीने बाद एक और आरोपित को गिरफ्तार करने की कार्रवाई जारी रही। जिस आरोपित को गिरफ्तार किया गया था उसने स्वयं को पुलिसकर्मी बताकर महिला को 50 रुपये का नोट दिया था। इस नोट पर अपना मोबाइल नंबर भी लिखा था। आरोपित नारायणगढ़ का रहने वाला विष्णु था। गेस्ट हाउस संचालक ने ही शिकायतकर्ता की मुलाकात फर्जी पुलिस कर्मी बताने वाले आरोपित विष्णु से करवाई थी।

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