अंबाला में 250 किसानों पर केस दर्ज, बैरिकेड्स तोड़े, धक्का-मुक्की की, एसएचओ का मरोड़ा अंगूठा

अंबाला में सोमवार को शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर का विरोध करने पहुंचे थे किसान। किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए। धक्का-मुक्की के दौरान एसएचओ सुरेश कुमार का अंगूठा मरोड़ दिया। किसानों के विरोध के चलते जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक को स्थगित कर दिया गया था।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 03:28 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 05:42 PM (IST)
अंबाला में 250 किसानों पर केस दर्ज, बैरिकेड्स तोड़े, धक्का-मुक्की की, एसएचओ का मरोड़ा अंगूठा
सोमवार को अंबाला में कंवरपाल गुर्जर का विरोध करने पहुंचे किसान। (फाइल फोटो)

अंबाला, जेएनएन। बैरिकेड्स तोड़ व पुलिस के साथ धक्का-मुक्की कर जान से मारने की धमकी देने पर 250 किसानों के खिलाफ शहर थाना पुलिस ने केस दर्ज किया है। यह मामला सेक्टर-9 थाना एसएचओ सुरेश कुमार की शिकायत पर दर्ज किया गया है चूंकि यह बैरिकेड्स सेक्टर-9 थाना के एरिया में सिटी प्लाजा के सामने लगे हुए थे।

इस धक्का-मुक्की के दौरान किसानों ने एसएचओ सुरेश कुमार धक्का दिया तथा अंगूठे को मरोड़ दिया। इसके चलते उनके अंगूठे में सूजन भी आ गई है। दरअसल, शहर के पंचायत भवन में सोमवार को कष्ट निवारण समिति की बैठक आयोजित की गई थी। मगर किसानों के विरोध के चलते इस बैठक को स्थगित कर दिया गया था, जबकि इस बैठक में शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर ने आना था। मगर मंत्री के आने की भनक लगते ही किसान सुबह ही विरोध के लिए भवन की तरफ कूच कर गए थे, ऐसे में उन्हें रोकने के लिए पुलिस की तरफ से बैरिकेट्स लगाए गए थे। इतना ही नहीं किसानों बैरिकेड्स को तोड़ने के बाद उन्हें कर्मचारियों से खींच कर दूसरी तरफ भी फैंक दिए थे। 

घायल एसएचओ ने यह दर्ज करवाई शिकायत

सेक्टर 9 थाना एसएचओ सुरेश कुमार के मुताबिक, वह फोर्स के साथ सिटी प्लाजा के सामने लगे बैरिकेट्स पर तैनात थे। इसी दौरान करीब 250 किसान काफी संख्या में आए और पंचायत भवन की तरफ जाने के लिए बैरिकेट्स को हटा कर्मचारियों के साथ धक्का मुक्की कर दी, जबकि किसानों को समझाने व रोकने का काफी प्रयास किया गया। मगर किसान नहीं माने और जबरदस्ती बैरिकेड्स तोड़ दिए तथा मेरा अंगूठा मरोड़ दिया जिसके चलते उसमें चोट लगने से सूजन आ गई है। किसानों ने कोरोना काल के चलते लगी धारा 144 के नियमों का उल्लंघन कर संक्रमण को बढ़ाने जैसा काम किया है। इसके अलावा किसानों ने कर्मचारियों के साथ गाली गलौच कर अभद्र भाषा का प्रयोग किया है।

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