मदर्स डे पर मां जैसा दुलार, कोरोना संक्रमितों की नम हो गई आंखें
रविवार को मदर्स डे था। यमुना एनक्लेव में रहने वाली तीन भाटिया सिस्टर्स ने कोरोना संक्रमितों को रोज की तरह खाना तो भेजा साथ ही मां जैसा दुलार भी पहुंचाया। मदर्स डे की शुभकामनाएं लिखी पर्ची भेजी। खाने के साथ चॉकलेट कोल्ड ड्रिक और केक भी था।
जागरण संवाददाता, पानीपत : रविवार को मदर्स डे था। यमुना एनक्लेव में रहने वाली तीन भाटिया सिस्टर्स ने कोरोना संक्रमितों को रोज की तरह खाना तो भेजा, साथ ही मां जैसा दुलार भी पहुंचाया। मदर्स डे की शुभकामनाएं लिखी पर्ची भेजी। खाने के साथ चॉकलेट, कोल्ड ड्रिक और केक भी था। खाने की थाली में यह सब देखकर कोरोना संक्रमित मरीजों की आंखें नम हो गईं। थाली पहुंचते ही लोगों ने उन्हें संदेश भेजे। किसी ने कहा, मां की याद आ गई। किसी मां ने लिखा, मेरे बच्चे मुझसे कभी दूर हुए ही नहीं। ऐसा लगा कि सब साथ हैं।
एक घर से संदेश आया, खाना देखकर मेरी आंखों में आंसू आ गए। ऐसा लगा ही नहीं कि बच्चे मेरे पास नहीं हैं। भगवान आपको स्वस्थ रखें। एक ने लिखा, आप बहुत अच्छा काम कर रही हैं। आपका परिवार खुश रहे। एक ने लिखा, आपने मां अन्नपूर्णा की तरह मुझे विषम परिस्थिति में भोजन प्रदान किया। और क्या कहूं, मेरे पास शब्द नहीं हैं। आपका बहुत बहुत धन्यवाद। आसपास के घरों में खाना पहुंचाती हैं
किरण भाटिया, रचना भाटिया और भारती भाटिया अपनी रसोई में रोजाना कोरोना संक्रमितों के लिए खाना बनाती हैं। थाली में पैक करने के बाद सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण के सामने माथा टेकती हैं। उन्हें भोग लगाने के बाद कोरोना संक्रमितों के घर खाना पहुंचाने के लिए निकलती हैं। रचना भाटिया के साथ उनका बेटा अंश भी जाता है। यमुना एनक्लेव, अंसल, सेक्टर 13-17 में खाना पहुंचा रही हैं। कुछ दिन पहले ही इन तीन बहनों ने ये सेवा शुरू की है।