जींद में अस्पताल की बड़ी लापरवाही, ओटी की सुविधाओं के बिना महिला का कर दिया ऑपरेशन, मौत
जींद में अस्पताल की लापरवाही से महिला की जान चली गई। स्वजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने बिना ओटी सुविधा के गर्भाशय का ऑपरेशन कर दिया। तबीयत बिगड़ी तो निजी अस्पताल में दाखिल करा दिया। वहां उसकी मौत हो गई।
जागरण संवाददाता, जींद। पिल्लूखेड़ा के जामनी रोड पर स्थित सोनी अस्पताल में पूरी सुविधा के बिना ही एक महिला के गर्भाशय का ऑपरेशन कर दिया। महिला को ऑपरेशन के लिए दिन में दाखिल किया था, लेकिन देर रात को ऑपरेशन किया गया। उसकी तबीयत बिगड़ गई तो अस्पताल संचालक ने उसे आनन-फानन में जींद निजी अस्पताल में खुद ही दाखिल करवाया दिया। यहां पर उसकी मौत हो गई। अस्पताल का संचालक डॉ. संदीप बीएमएस है। स्वजनों का आरोप है कि डॉ. संदीप के पास सुविधा भी नहीं है और न ही ऑपरेशन करने के लिए लाइसेंस है। पुलिस ने महिला के भाई की शिकायत पर अस्पताल संचालक डॉ. संदीप के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
जींद में महिला की मौत के मामले में पुलिस के पास बयान दर्ज करवाते मृतक महिला के स्वजन।
गांव रिटौली निवासी वजीर ने पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसकी बहन सुनीता गांव मलार में शादीशुदा है और उसके जीजा पालेराम की कई साल पहले मौत हो चुकी है। उसकी बहन सुनीता बीमार होने पर पिल्लूखेड़ा के जामनी रोड पर स्थित सोनी अस्पताल में इलाज लेती थी। पिछले कई दिनों से सुनीता के पेट में दर्द रहता था। जब उसने सोनी अस्पताल के संचालक डा. संदीप के चेकअप करवाने के लिए गई तो उसने बताया कि बच्चेदानी में दिक्कत है और इसे निकलना पड़ेगा। उसके पास पानीपत से सर्जन आते हैं और वह उसका आपरेशन कर देंगे। आपेरशन पर 17 हजार रुपये का खर्च आएगा। सुनीता उसके बहकावे में आ गई और वह आपरेशन करवाने के लिए तैयार हो गई।
दो घंटे ऑपरेशन चला, 17 हजार रुपये लिए
डा. संदीप ने सोमवार दोपहर को सुनीता को अस्पताल में दाखिल कर लिया और ट्रीटमेंट चालू कर दिया। इस दौरान डा. संदीप ने कहा कि पानीपत से सर्जन आएगा और उसके बाद आपरेशन शुरू कर देगा। देर रात को सुनीता के बेटे मनीष को वहां के स्टाफ ने कहा कि चिकित्सक आ गया है, इसलिए दस हजार रुपये आपरेशन से पहले दाखिल करवा दो। रुपये जमा करवाते ही सुनीता को अंदर कमरे में ले गए। यहां पर करीब दो घंटे के बाद आरोपितों ने कहा कि आपरेशन हो गया है। इसलिए सात हजार रुपये ओर जमा करवा दो।
डॉ. संदीप ने खुद कराया दूसरे अस्पताल में भर्ती
रुपये जमा करवाने के थोड़ी देर के बाद स्टाफ ने कहा कि सुनीता की तबीयत बिगड़ गई है। इसलिए उसे रेफर करना पड़ेगा। जब स्वजनों ने नागरिक अस्पताल जींद में लेकर जाने की बात कही तो डा. संदीप ने कहा कि उनकी जींद के आस्कर अस्पताल में बात हो गई और खुद ही एंबुलेंस के माध्यम से वहां पर ले आए। जहां पर आते ही उपचार शुरू कर दिया, लेकिन मंगलवार अल सुबह वहां के स्टाफ ने कहा कि सुनीता की मौत हो गई। जहां पर उनसे 16 हजार रुपये जमा करवा लिए। वजीर ने आरोप लगाया कि अस्पताल संचालक ने आपरेशन थियेटर की सुविधा नहीं होने के बावजूद ऑपरेशन किया है। पिल्लूखेड़ा थाने के जांच अधिकारी एएसआइ सत्यवान ने बताया कि अस्पताल संचालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है।
ऑपरेशन के लिए पानीपत से बुलाया था सर्जन : संचालक
सोनी अस्पताल के संचालक डॉ. संदीप सिंह ने कहा कि उनके पास बीएमएस की डिग्री है। ऑपरेशन के लिए ऑन कॉल पानीपत से सर्जन को बुलाता है। सोमवार रात को भी पानीपत से डॉ. सहरावत को ऑपरेशन के लिए बुलाया था। आपरेशन सफल हो गया था, लेकिन महिला की अचानक ही तबीयत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।
जांच के बाद होगी कार्रवाई
सिविल सर्जन डा. मनजीत सिंह ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है। महिला की आपरेशन के दौरान मौत के मामले की जांच करवाई जाएगी। अगर लापरवाही सामने आती है तो सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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