प्रैक्टिस छोड़ लंगर में डटे सीए और डॉक्टर, रोजाना तैयार कर रहे हजारों का खाना

पानीपत में सीए से लेकर कई डॉक्‍टर अपनी प्रैक्टिस छोड़कर लंगर में सेवा दे रहे हैं। हर रोज करीब सात हजार लोगों का खाना बना रहे हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 08 Apr 2020 03:54 PM (IST) Updated:Wed, 08 Apr 2020 03:54 PM (IST)
प्रैक्टिस छोड़ लंगर में डटे सीए और डॉक्टर, रोजाना तैयार कर रहे हजारों का खाना
प्रैक्टिस छोड़ लंगर में डटे सीए और डॉक्टर, रोजाना तैयार कर रहे हजारों का खाना

पानीपत, [कपिल पूनिया]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पूरा देश कोरोना योद्धाओं के सम्मान में ताली-थाली बजाने के बाद नौ मिनट दीये जलाकर इस संकट की घड़ी में एकजुटता का अद्भूत परिचय दे चुका है। डॉक्टर और सीए समेत अन्य उच्च पदों पर कार्यरत शहर के लोग जरूरतमंद और भूखों के लिए खाना बनाने में जुटे हैं।

राधा स्वामी सत्संग व्यास में रोजाना सात हजार लोगों के लिए खाना तैयार किया जाता है। यहां हर रोज प्रात: 4:30 बजे से ही 100 से अधिक महिला-पुरुष खाना बनाने की तैयारी शुरू कर देते हैं। जीटी रोड स्थित राधा स्वामी सत्संग व्यास के क्षेत्रीय सचिव श्यामनंद वानी ने बताया कि खाना बनाने और पैक करने में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। सभी अनुयायी मास्क, ग्लव्स और सिर को कवर करके काम करते हैं। समय-समय पर अनुयायियों के हाथ सैनिटाइज किए जाते हैं। राशन आने, धोने, साफ करने, पकाने और पैक करने के लिए अलग-अलग केबिन बनाए हुए हैं। 1200 से शुरूआत के बाद सोमवार को 7000 लोगों का खाना तैयार किया गया। इसमें पानीपत व्यास के 100 अनुयायियों के साथ सचिव सतीश चुघ, प्रधान अनिल चुघ और सदस्य सतीश सुखिजा, सोनम गोयल व ज्योति कोचर दिन-रात सहयोग में लगे हैं।

काम से जरूरी है मानव सेवा

तहसील कैंप के गौरव सतीजा सीए हैं। घर पर ही ऑफिस है, जहां से वह कई कंपनियों का काम देखते हैं। लॉकडाउन के बाद उन्होंने खुद को मानव सेवा के लिए समर्पित किया हुआ है। सुबह से दोपहर तक सत्संग भवन में खाना बनाने और जरूरतमंदों तक पहुंचाने में सहयोग करते हैं।

केवल इमरजेंसी केस

यमुना एंक्लेव निवासी डॉ. शोभित गोयल ऑर्थो विशेषज्ञ हैं। उनका तहसील कैंप में शोभित हॉस्पिटल है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बाद से वह हर रोज सत्संग भवन में आकर खाना बनाने में सहयोग करते हैं। दोपहर के बाद केवल इमरजेंसी केस के लिए ही हॉस्पिटल जाते हैं।

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