10 मई तक 300 बैड का अस्पताल बनकर होगा तैयार, 12 से मिलने लगेंगी सुविधाएं : डिप्टी सीएम

गांव बालजाटान के पास बनाए जा रहे 500 बैड के अस्थाई कोविड अस्पताल का बुधवार को डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने निरीक्षण किया। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत के साथ हर काम को बारीकी से देखा और जाना। उन्होंने काम को तेजी से करने पर सराहना भी की।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 04:22 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 04:22 AM (IST)
10 मई तक 300 बैड का अस्पताल बनकर होगा तैयार, 12 से मिलने लगेंगी सुविधाएं : डिप्टी सीएम
10 मई तक 300 बैड का अस्पताल बनकर होगा तैयार, 12 से मिलने लगेंगी सुविधाएं : डिप्टी सीएम

संवाद सूत्र, रिफाइनरी (पानीपत): गांव बालजाटान के पास बनाए जा रहे 500 बैड के अस्थाई कोविड अस्पताल का बुधवार को डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने निरीक्षण किया। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत के साथ हर काम को बारीकी से देखा और जाना। उन्होंने काम को तेजी से करने पर सराहना भी की। साथ ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उनके साथ प्रधान सचिव टाउन प्लानिग हरियाणा अपूर्व कुमार सिंह भी रहे।

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि केंद्र व राज्य सरकार मिलकर प्रदेश के अंदर एक हजार आक्सीजन बैड सपोर्ट वाले अस्थाई कोविड अस्पताल बना रही है। इसको लेकर टारगेट भी तय किया गया है। उससे एडवांस में हम ये कार्य करेंगे, इसी को लेकर ये निरीक्षण किया है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पहले चरण में 300 बैड का अस्पताल 10 मई तक बनकर तैयार हो जाएगा और 12 मई को यहां सुविधा मिलने लगेगी जबकि दूसरे चरण में 200 बैड का अस्पताल उसके तीन दिन बाद ही चालू कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जीटी रोड बेल्ट पर ये व्यवस्था कारगर साबित होगी। यहां कोविड अस्पताल बनाने से ट्रांसपोर्टेशन का कोई चक्कर नहीं रहेगा और अस्पताल को डायरेक्ट ऑक्सीजन रिफाइनरी से मिलेगी। इसमें आक्सीजन की कोई कमी नहीं रहेगी। उन्होंने मीडिया के माध्यम से जनता से आह्वान किया कि वह महामारी से निपटने में सरकार का सहयोग करें और अपनी, अपने परिवार व जानकारों की जान बचाएं। बिना किसी जरूरी काम के घर से बाहर ना निकलें, जाना जरूरी है तो मास्क लगाकर जाएं, शारीरिक दूरी का ख्याल रखे और सेनेटाइजर से बार -बार हाथ धोएं। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का उपयोग करें। स्टोरेज न करें

डिप्टी सीएम ने कहा कि इस महामारी से सभी को मिलकर लड़ना होगा। ऐसे में लोग दवाई व आक्सीजन आदि चीजों को स्टोरेज व उनकी कालाबाजारी न करे। ताकि ये चीजें किसी की जान बचाने में सहायक हो सके। उन्होंने कहा कि कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ पुलिस सख्ती से कार्रवाई भी कर रही है। इस मौके पर डीसी धर्मेन्द्र सिंह, पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन, सीएमओ डा. संजीव ग्रोवर, नायब तहसीलदार मतलौडा जय सिंह, जजपा के प्रदेश संगठन सचिव देवेंद्र कादियान, कुमारी फुलवती, जिलाध्यक्ष सुरेश काला, बलराज देशवाल, दयानंद उरलाना मौजूद रहे। स्पेशल यूनिट बना की जाएगी टेस्टिग

डिप्टी सीएम ने ग्रामीण आंचल के लोग टेस्ट कराने से घबराते हैं जोकि खतरनाक साबित हो जाता है। इससे पूरे परिवार प्रभावित होते है। इमरेंजसी व ऑक्सीजन सपोर्ट में जाना पड़ता है। इसलिए गांव के लोग बगैर घबराए अपना टेस्ट कराए। ताकि समय रहते इलाज मिल सके। उन्होंने कहा कि मैंने डीसी से स्पेशल यूनिट बनाकर गांवों में टेस्टिग कराने के लिए भी कहा है। उन्होंने शराब के ठेकों को लेकर कहा कि अभी बंद है। जो खोलेगा, उस पर कार्रवाई होगी।

अस्पताल को तीन ब्लॉक में बांटा

1. पहले ब्लॉक में डॉक्टरों के रेस्ट रूम और उनके बैठने की जगह होगी।

2. दूसरे ब्लॉक में 300 बेड का अस्पताल बनेगा।

3. तीसरे ब्लॉक में 200 बेड का अस्पताल बनेगा। अस्पताल की खासियत जानिये, कपड़ा ऐसा कि आग नहीं लगेगी

1. शेड के सबसे ऊपर कपड़ा बिछाया जा रहा है, ताकि गर्मी का अहसास न हो। इस कपड़े में आग नहीं लग सकती। अस्पताल इस तरह बनाया जा रहा है कि किसी भी तरह की आपदा में कोई हताहत न हो।

2. अस्पताल पूरी तरह से वातानुकूलित होगा। बिजली के लिए ट्रांसफार्मर प्लेटफार्म बन रहे हैं।

3. स्वजनों के लिए भी एक ब्लॉक बनेगा, पास में ही पार्किंग की व्यवस्था होगी।

4. चार टॉयलेट ब्लॉक बनेंगे, इस समय दो सेफ्टी टैंक बन रहे हैं।

5. शवगृह बनाया जा रहा है, मेडिकल वेस्ट के लिए अलग व्यवस्था होगी।

6. अस्पताल के चारों तरफ सात मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी, ताकि रास्ते से संबंधित कोई परेशानी न हो।

7. चूंकि अस्पताल अस्थायी है, शेड इस तरह बनाया जा रहा है कि जरूरत पड़ने पर कहीं और भी शिफ्ट किया जा सके।

8. दवा सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी, खाने का प्रबंध निजी तौर पर कराया जाएगा।

9. पाइपलाइन से ऑक्सीजन आएगी, अस्पताल प्लांट में स्टोर करेंगे, उसी ब्लॉक से बेड तक ऑक्सीजन गैस जाएगी।

10. बनाने तो 500 बेड थे, लेकिन एक ब्लॉक के डिजाइन में 300 की जगह 304 बेड बन रहे हैं। प्रशासनिक भवन भी बनेगा

पीडब्ल्यूडी के एसडीओ रामपाल सिंह ने बताया कि तकनीक जरूर जर्मनी की है लेकिन निर्माण सब कुछ भारत में ही हो रहा है। प्रशासनिक भवन अलग बनाया जा रहा है। अस्पताल बनने के बाद निर्माण कंपनी पचास कर्मचारी देगी, जो अलग-अलग ब्लाक में व्यवस्था देखेंगे।

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