विभागों के फेर में फंसा कारोबारी, मामला एक नोटिस दो, चार माह से अटके रिफंड

जीएसटी (गुड्स एंव सर्विस टैक्स) को लागू हुए पांच साल हो चुके हैं फिर भी समस्याएं हल नहीं हो पा रही हैं। जीएसटी की साइट तो परेशान कर ही रही है कारोबारियों की समस्याओं को भी सुना नहीं जा रहा है। लगातार कारोबारियों को स्टेट जीएसटी और सेंट्रल जीएसटी से मिस मैच के नोटिस मिल रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 09:03 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 09:03 AM (IST)
विभागों के फेर में फंसा कारोबारी, मामला एक नोटिस दो, चार माह से अटके रिफंड
विभागों के फेर में फंसा कारोबारी, मामला एक नोटिस दो, चार माह से अटके रिफंड

जागरण संवाददाता, पानीपत : जीएसटी (गुड्स एंव सर्विस टैक्स) को लागू हुए पांच साल हो चुके हैं, फिर भी समस्याएं हल नहीं हो पा रही हैं। जीएसटी की साइट तो परेशान कर ही रही है, कारोबारियों की समस्याओं को भी सुना नहीं जा रहा है। लगातार कारोबारियों को स्टेट जीएसटी और सेंट्रल जीएसटी से मिस मैच के नोटिस मिल रहे हैं। 2017-18,19,20 की आडिट स्टेटमेंट भी उद्यमी दाखिल कर चुके हैं। विभाग के पास पूरा डाटा उपलब्ध है। इसके बावजूद विभाग बार-बार नोटिस दे रहा है। अधिकारी अपने रिकार्ड से वेरिफिकेशन के लिए तैयार नहीं हैं।

क्षेत्राधिकार को लेकर विवाद

स्टेट जीएसटी और सेंट्रल जीएसटी का अलग-अलग ज्यूरिस्डिक्शन (क्षेत्राधिकार) है। इसके बावजूद एसेसी (कारोबारी) को एक ही मामले में दोनों विभाग नोटिस दे रहे हैं। विभाग के पास फाइनल रिकार्ड होने के बाद भी नोटिस जारी होने से सीए, टैक्स सलाहकार भी परेशान हो रहे हैं। उन्हें कारोबारियों को जवाब देना पड़ता है। अधिकारियों से इस संदर्भ में पूछते हैं तो एक ही रटा-रटाया जवाब मिलता है लिस्ट ऊपर से आती है, उसी के मुताबिक नोटिस देते हैं। नई साइट खुलने के बाद रिफंड रुके

स्टेट जीएसटी की नई साइट चलने के बाद से ही रिफंड रुके पड़े हैं। निर्यातकों से लेकर घरेलू कारोबारियों को लाखों रुपये के रिफंड नहीं मिल पा रहे हैं। उनकी पूंजी फंसी हुई है। अधिकारी रिफंड देना भी चाह रहे हैं। साइट पर जाते हैं तो डाटा फ्रीज मिलता है। चार-चार महीने से रिफंड नहीं मिल रहे हैं। निर्यातकों के तो साल से अधिक समय से इंसेंटिव भी नहीं मिल पा रहे। इस समस्या का हल कौन करेगा समझ नहीं आ रहा। अधिकारियों से बात करते हैं तो उनके पास भी कोई हल नहीं है। समस्या का हल कहां से कब होगा इसका कोई जवाब नहीं मिल पा रहा। इससे कारोबारियों के साथ-साथ प्रोफेशनल की परेशानी बढ़ी हुई है।

- शशि चड्ढा, वरिष्ठ सीए सलाहकार हरियाणा चैंबर आफ कामर्स

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