हरियाणा सहित चार राज्यों में नकली रेमडेसिविर बेच खड़ा कर लिया 50 लाख का कारोबार

Fake Remdesivir हरियाणा सहित अन्‍य राज्‍यों मे नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। नकली कारोबार करने वालों ने कुछ ही दिनों में नकली रेमडेसिविर बेचकर 50 लाख रुपये का कारोबार खड़ा कर लिया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 11:19 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 11:19 AM (IST)
हरियाणा सहित चार राज्यों में नकली रेमडेसिविर बेच खड़ा कर लिया 50 लाख का कारोबार
नकली रेमडेसिविर बेचने वालों ने कुछ ही दिनों में 50 लाख का कारोबार खड़ा कर लिया। (सांकेतिक फोटो)

अंबाला, [दीपक बहल]। Fake Remdesivir: कुछ लोगों ने महामारी में रातोंरात अमीर बनने के लिए हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और दिल्ली में हीट्रो कंपनी का लेबल लगाकर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप ही उतार दी और तीन माह में ही 50 लाख रुपये से अधिक का कारोबार कर डाला। पुलिस का अनुमान है कि हजारों मरीजों को नकली रेमडेसिविर की डोज़ दी गई। यह छानबीन की जा रही है कि ये इंजेक्शन कहां बेचे गए। अंबाला पुलिस अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन मास्टमाइंड प्रदीप अभी पकड़ से बाहर है।

हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तराखंड में फैला नेटवर्क, मास्टरमाइंड की तलाश

आरोपित गौरव को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। इससे पहले रिमांड में आरोपित से 30 हजार रुपये और कार बरामद हो चुकी है। इन आरोपितों से बरामद किए गए 24 रेमडेसिविर इंजेक्शन वायल नकली पाए गए। हीट्रो कंपनी ने पुलिस को स्पष्ट कर दिया है कि जो इंजेक्शन बरामद किए गए हैं, वे हमारी कंपनी के नहीं हैं।

बता दें कि 21 अप्रैल को नाइट कर्फ्यू के दौरान अंबाला पुलिस ने दो गाडि़यों में सवार चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इनसे रेमडेसिविर के 24 इंजेक्शन बरामद हुए थे। गिरफ्त में दिल्‍ली के गांधी नगर क्षेत्र के धर्मपुरा निवासी दीपक कुमार, दिल्‍ली के शाहदरा निवासी कर्ण जुनेजा, अंबाला के नग्‍गल निवासी पारस और अंबाला कैंट की डिफेंस कालोनी निवासी कनिष्क है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पाया कि ये लोग इंजेक्शन की सप्लाई करते हैं, जबकि बनाने वाले आरोपित कोई और हैं।

इसी कड़ी में पुलिस ने यमुनानगर के गौरव को गिरफ्तार किया। पूछताछ में बाबैन के प्रदीप का नाम भी सामने आया है। आरोपितों ने हीट्रो कंपनी बैच नंबर इस्तेमाल कर एक इंजेक्शन पर 5400 रुपये का रेट अंकित कर दिया, जबकि मौजूदा समय में यह रेट 3490 रुपये प्रति इंजेक्शन है। ऐसे में 5400 रुपये से लेकर डिमांड के मुताबिक ग्राहक को ऊंची कीमत पर बेच देते थे।

एक व्यक्ति को चार से पांच इंजेक्शन भी सप्लाई किए गए। कुछ ही दिनों में अन्य राज्यों में इनका नेटवर्क फैल गया। फार्मास्युटिकल लाइन से जुड़े प्रदीप की गिरफ्तारी होनी है, जिसके बाद पता चलेगा कि इस खेल में और कौन-कौन शामिल हैं और वे इंजेक्शन किस तरह से बनाते थे।

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'' हीट्रो कंपनी ने लिखकर दे दिया है कि बरामद रेमडेसिविर का इंजेक्शन उनकी कंपनी का नहीं है। टेस्ट में भी बरामद इंजेक्शन नकली पाए गए हैं।

                                                                                                - डा. कुलदीप सिंह, सीएमओ, अंबाला।

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'' कई राज्यों से तार जुड़े मिले हैं। जांच में रेमडेसिविर का इंजेक्शन नकली पाया गया है। मुकदमे में कुछ और धाराएं भी जोड़ी जाएंगी।

                                                                                                       - हामिद अख्तर, एसपी, अंबाला।

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