चीन से भारत में शिफ्ट हो रहा कारोबार
कोरोना संक्रमण चीन से दुनियाभर में फैला। इसी धारणा की वजह से दुनियाभर के आयातक चीन से कारोबार करने की जगह भारत को तवज्जो दे रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना संक्रमण चीन से दुनियाभर में फैला। इसी धारणा की वजह से दुनियाभर के आयातक चीन से कारोबार करने की जगह, भारत को तवज्जो दे रहे हैं। पानीपत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री पर इसका सकारात्मक असर भी दिखा है। निर्यातकों के पास पिछले वर्ष से आर्डर ज्यादा आने लगे हैं। जाहिर है, अब पूंजी भी चाहिए होगी। ऐसे में बैंकों ने भी निर्यातकों को खुद से जोड़ने और लोन देने के लिए योजनाएं शुरू कर दी हैं। स्टेट बैंक आफ इंडिया ने जीटी रोड स्थित एक होटल में शहर के सभी बड़े निर्यातकों को आमंत्रित कर दिया। यह भी आफर दे दिया कि आप प्रोजेक्ट और आर्डर की कापी ही दिखा दें, इसी आधार पर शिपमेंट होने तक का लोन दे देंगे।
मित्तल इंटरनेशनल से सुरेंद्र मित्तल ने बताया कि पानीपत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री आगे बढ़ रही है। बैंक अगर मदद करते हैं तो देश का ही विकास होगा। इस समय निर्यातकों को पूंजी मिलती है तो निश्चित रूप से चीन को निर्यात में आने वाले सालों में पीछे छोड़ सकेंगे। शिवालिका रग्स से सितेंद्र लीखा ने जागरण से बातचीत में कहा कि कोविड के बाद से भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री की तरफ दुनिया के दूसरे देशों का रुझान बढ़ा है। इस समय निर्यातकों को आर्डर पूरे करने हैं तो बैंक पर निर्भरता बढ़ी है। बैंक खुद ही आगे आए हैं, यह देश के लिए भी अच्छा है।
एसबीआइ से इंटरनेशनल बैंकिग मैनेजर मीनाक्षी ने बताया कि निर्यातकों से फीडबैक लिया गया है। उन्हें किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, यह जाना गया। उन्हें बताया गया कि किस तरह बैंक से मदद ले सकते हैं। आर्डर की कापी होने पर ही बैंक बड़े स्तर पर ऋण दे सकता है। बैठक में चालीस से ज्यादा निर्यातक पहुंचे। इनमें जीआरएम से अतुल, महाजन से प्रणव महाजन, क्राउन इंटरेनशनल से राहुल जैन, फ्लोरा एक्सपोर्ट से दिनेश जैन, महाकलेक्शन से अजय बंसल, केके स्पीनर्स से अजय बंसल, पालीवाल ग्रुप से अजय अग्रवाल, रिवेरा से पीआर गुप्ता, हेरिटेज से जितेंद्र अहलावत मौजूद रहे। चंडीगढ़ से जनरल मैनेजर चंद्रशेखर शर्मा ने भी सवालों के जवाब दिए। 550 करोड़ का लोन दिया
एसबीआइ ने पानीपत के निर्यातकों को 550 करोड़ का लोन दिया हुआ है। इसे और बढ़ाने के लिए ही निर्यातकों को आमंत्रित किया गया था। बैठक में ही बताया गया कि किस तरह कुछ लाख का लोन लेकर आज कई कंपनियां 200 करोड़ से अधिक का सालाना टर्नओवर करने लगी हैं।