बस स्टैंड के बाहर घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिली बस तो निराश लौटे
लॉकडाउन में 50 प्रतिशत ही बसें चलाने की अनुमति मिली हुई है। हालांकि हर रोज सवारी नहीं बनने के कारण ज्यादातर रूट बंद करने पड़ रहे हैं। शुक्रवार को सबसे ज्यादा सवारियां शामली के लिए रहीं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : लॉकडाउन में 50 प्रतिशत ही बसें चलाने की अनुमति मिली हुई है। हालांकि हर रोज सवारी नहीं बनने के कारण ज्यादातर रूट बंद करने पड़ रहे हैं। शुक्रवार को सबसे ज्यादा सवारियां शामली के लिए रहीं। इस रूट पर रोडवेज को 15 बसें चलानी पड़ रही हैं। इसी तरह दिनभर में रोडवेज अलग-अलग रूट पर 31 बसें ही चल सकीं। इस दौरान सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को हो रही है, जो घंटों इंतजार करने के बाद भी बस से सफर नहीं कर सके। दरअसल, सवारियों की संख्या न बढ़ने से बसें नहीं चलीं।
रोडवेज डिपो में लखनऊ की बस को छोड़ बाकी बसें परिसर के बाहर ही लग रही हैं। बाहरी डिपो की बसों को परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा। इसमें रोडवेज प्रशासन ने मेन गेट पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई हुई है। वहीं से यात्रियों की टिकट काटी जाती है। लॉकडाउन में 10 प्रतिशत बसें ही मुश्किल से चल पा रही है। इसमें सभी बसें सवारियों की डिमांड के अनुसार चलाई जाती हैं। यात्रियों को भी पक्का पता नहीं होता कि कौन से रूट की बस कब चलेगी। इससे यात्रियों को काफी असमंजस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। पूछताछ केंद्र से भी कोई सही जानकारी नहीं मिल पाती। इन रूट पर चली इतनी बसें
रूट का नाम इतनी बसें चली
शामली 15
अंबाला 9
जींद 2
बिजनौर 1
लखनऊ 1 सवारियों की डिमांड पर ही चलाई जा रही बसें
50 प्रतिशत की बसें चलाने की अनुमति मिली है और साथ ही सवारियों की डिमांड अनुसार ही बसें चलाई जा रही है। शामली व अंबाला रूट पर सवारी बन पा रही हैं। अन्य रूट पर सवारी नहीं बनने के कारण रूट को बंद करने पड़े।
- रमेश कादियान, स्टेशन सुपरवाइजर, रोडवेज पानीपत।