इस गलती से रुका हरियाणा के पांच जिलों की खेल नर्सरियों का बजट, स्कॉलरशिप का इंतजार लंबा

हरियाणा के पांच जिलों में खेल नर्सरियों का बजट रोका गया है। डेढ़ साल से नर्सरियां कोरोना के कारण बंद हैं। इस दौरान ऑनलाइन अभ्यास की रिपोर्ट भेजनी थी जो गलत भेजी गई। अब पांच जिलों में दोबारा जांच के लिए कमेटी बनाई गई है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 05:35 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 05:35 PM (IST)
इस गलती से रुका हरियाणा के पांच जिलों की खेल नर्सरियों का बजट, स्कॉलरशिप का इंतजार लंबा
ऑनलाइन अभ्यास करवाने वाले प्रशिक्षकों को वेतन और खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति नहीं मिली है।

सुनील जांगड़ा, कैथल। कोरोना के कारण करीब डेढ़ साल से हरियाणा में सभी खेल नर्सरियां बंद पड़ी हैं। स्कूल बंद होने के कारण नर्सरियां भी शुरू नहीं हो पा रही हैं। खेल मुख्यालय की तरफ से ऑनलाइन अभ्यास करवाने वाले नर्सरी प्रशिक्षकों की जानकारी सभी जिलों से मांगी थी। पांच जिलों ने जानकारी सही नहीं भेजी है। अब विभाग की तरफ से पांचों जिलों के जिला खेल अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।

मंडल स्तर पर एक कमेटी का गठन करके दोबारा से रिपोर्ट तैयार करनी होगी। संबंधित मंडल उपनिदेशक की अध्यक्षता में गठित कमेटी में जिला खेल अधिकारी, दो वरिष्ठ प्रशिक्षक, खेल नर्सरी डीलिंग सहायक को शामिल किया गया है। इन जिलों में सिरसा, भिवानी, कैथल, फतेहाबाद और नारनौल शामिल हैं। गठित की गई कमेटी को एक सप्ताह के अंदर ही रिपोर्ट तैयार करके मुख्यालय को भेजनी है। अंतिम रिपोर्ट भेजने के बाद ही नर्सरी प्रशिक्षक को वेतन और खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति देने के लिए बजट जारी किया जाएगा। बता दें कि कैथल में कुल 14 खेल नर्सरी संचालित थीं। इनमें से मानस स्थित फुटबॉल और हिंदू स्कूल स्थित बॉक्सिंग की दो खेल नर्सरियों की ऑनलाइन अभ्यास करवाने की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी गई थी।   

खेल नर्सरी में 25 खिलाड़ी लेते थे प्रशिक्षण

नर्सरी बंद होने के कारण जो खिलाड़ी इन नर्सरियों में अभ्यास करते थे, वे अब अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि कुछ नर्सरी प्रशिक्षक आनलाइन खिलाड़ियों को अभ्यास करवा रहे हैं। उन्होंने खिलाड़ियों का वाट्सएप पर एक ग्रुप बनाया हुआ है और खेल से संबंधित वीडियो बनाकर ग्रुप में भेजी जाती है। एक खेल नर्सरी में 25 खिलाड़ी प्रशिक्षण लेते थे। खेल नर्सरी पर महीने में करीब एक लाख रुपये खर्च किए जाते थे। आठ से 14 साल के खिलाड़ियों को 1500 रुपये और 15 से 19 साल के खिलाड़ियों को दो हजार रुपये विभाग की तरफ से हर महीने दिए जाते थे। खेल प्रशिक्षकों को 20 से 25 हजार रुपये तक वेतन दिया जाता था। 

बजट के लिए दोबारा रिपोर्ट भेजेंगेः डीएसओ

जिला खेल अधिकारी सतविंद्र गिल ने बताया कि खेल नर्सरियों के संबंध में मुख्यालय का पत्र मिला है। ऑनलाइन प्रशिक्षण देने वाली दो नर्सरियों की रिपोर्ट भेजी गई थी। अब दोबारा से दोनों नर्सरियों की रिपोर्ट तैयार करके मुख्यालय काे भेजनी है, ताकि बजट मिल सके।

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