Monsoon update: देशभर में ब्रेक मानसून की परिस्थितियां बनीं, मानसून को करेंगी कमजोर

अगले एक सप्ताह तक यह स्थिति जारी रहने की संभावना। छह जुलाई से मानसून सक्रिय हो सकता है। जुलाई के पहले सप्ताह तक देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून की कमजोर स्थिति जारी रहने की संभावना। फसलों पर पड़ रहा है असर।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Mon, 28 Jun 2021 04:11 PM (IST) Updated:Mon, 28 Jun 2021 04:11 PM (IST)
Monsoon update: देशभर में ब्रेक मानसून की परिस्थितियां बनीं, मानसून को करेंगी कमजोर
हरियाणा में समय से पहले प्री मानसून ने दस्तक जरूर दी थी। लेकिन मानसून में देरी निराश कर रही है।

जागरण संवाददाता, करनाल। देशभर में ब्रेक मानसून की परिस्थितियां बनने की प्रबल संभावना बन गई है। ब्रेक मानसून की घोषणा तब की जाती है जब मानसून टर्फ हिमालय की तलहटी में शिफ्ट हो जाती है। गंगा के मैदानी क्षेत्रों और देश के मध्य भागों में शुष्क पछुआ हवा द्वारा आर्द्र पूर्वी हवा की जगह ले लेती है।

इस परिस्थिति में देश के अधिकांश हिस्सों में मौसम लगभग शुष्क हो जाता है। पश्चिमी हिमालय राज्यों, उत्तर प्रदेश तथा बिहार के तराई वाले जिलों सहित पूर्वोत्तर राज्यों में वर्षा की गतिविधियां अधिक होती हैं। देश के पश्चिमी तट पर भी बरसात में कमी होती है। यह ब्रेक मानसून की स्थिति कम से कम अगले एक सप्ताह तक जारी रहने की संभावना है। छह जुलाई के बाद मानसून फिर सक्रिय हो सकता है, क्योंकि मानसून की अक्षीय रेखा दक्षिण की ओर चलना शुरू कर देगी। जुलाई के पहले सप्ताह तक देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून की कमजोर स्थिति जारी रहने की संभावना है।

खरीफ की फसल पर पड़ेगा असर

मौसम विभाग के मुताबिक यह ब्रेक मानसून कृषि पर विपरित प्रभाव डालेगा, क्योंकि बरसात नहीं होने के कारण खेत सूख रहे हैं। धान की रोपाई व खरीफ की अन्य फसलें केवल भूमिगत पानी पर ही निर्भर हो गई हैं। धान की रोपाई 60 प्रतिशत से ज्यादा हो चुकी है, जिन्हें अब पानी की सख्त जरूरत है। देश के बरसात आश्रित क्षेत्रों में फसलों को नुकसान हो सकता है।

इस समय यह है मानसून की गतिविधि

इस समय एक टर्फ रेखा उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से झारखंड और उत्तरी ओडिशा होते हुए उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तरी छत्तीसगढ़ पर बना हुआ है। एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र ओडिशा के दक्षिणी तट और इससे सटे उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश पर बना हुआ है। एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर पश्चिमी राजस्थान और इससे सटे पाकिस्तान के हिस्सों पर बना हुआ है। दक्षिण गुजरात पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। लेकिन मानसून में प्रगति देखने को नहीं मिल रही है।

बरसात की आस में कट रहे किसानों के दिन

प्रदेश में काफी जगहों पर लोग बरसात की स्थिति को ध्यान में रखकर ही धान की रोपाई करते हैं। समय से पहले मानसून की दस्तक ने किसानों के चेहरे पर खुशी ला दी थी, लेकिन उसका असर अभी तक देखने को नहीं मिला है। किसान रोज बरसात की आस में दिन काट रहे हैं। बरसात की उम्मीद लगाए काफी किसानों ने अभी धान रोपाई का काम रोक भी रखा है।

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