मानव शरीर में आयोडीन की अधिकता और कमी, दोनों नुकसानदेह
प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को विश्व आयोडीन अल्पता दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को आयोडीन की कमी से होने वाले रोगों के प्रति जागरूक करना है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को विश्व आयोडीन अल्पता दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को आयोडीन की कमी से होने वाले रोगों के प्रति जागरूक करना है। केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम (एनआइडीडीसीपी) चलाया हुआ है। मानव शरीर में आयोडीन की अधिकता और कमी, दोनों नुकसानदेह हैं। मौजूदा परिवेश में जंक फूड के चलन के कारण लोग खूब नमक खा रहे हैं।
इंडिया आयोडीन सर्वे 2018-19 के अनुसार देश के 76.3 फीसदी घरों में ही आयोडीन युक्त नमक पहुंच रहा था। केंद्र सरकार ने वर्ष-2022 तक देश के करीब 90 प्रतिशत घरों में आयोडीन नमक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। आइबीएम हास्पिटल के निदेशक एवं फिजिशियन डा. गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि आयोडीन की कमी के कारण होने वाल रोगों से ग्रस्त मरीजों की संख्या पांच प्रतिशत से भी कम है। सरकार, स्वास्थ्य विभाग, नमक का व्यापार करने वाली कंपनियों के जागरूकता अभियान से ऐसा संभव हो सका है। उन्होंने बताया कि नमक के अलावा रोस्टेड आलू, दूध-दही, मुनक्का, ब्राउन राइस, मछली, लहसुन भी आयोडीन के स्त्रोत हैं।
मानव शरीर में अधिकता की बात करें तो बड़ा कारण जंक फूड सेवन करना है। डा. श्रीवास्तव के मुताबिक चाऊमीन, चिली पोटेटो, हाट डाग, बर्गर, फ्राइड राइस, सांबर सहित होटलों का भोजन सेवन करने से आयोडीन की अधिकता व दूसरी बीमारियां पनप रही हैं। आयोडीन की कमी से होने वाले रोग :
-चेहरे और गले में सूजन।
-थाइराइड ग्रंथि में सूजन।
-मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में बाधा।
-वजन का बढ़ना।
-रक्त में कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ना।
-ठंड बर्दाश्त न होना।
-गर्भपात का खतरा।
-गर्भस्थ शिशु का विकास कम।
-बच्चे का शारीरिक-मानसिक विकास कम।
-कमजोरी-थकान महसूस होना।
-त्वचा में रूखापन।
-बाल झड़ना, दम घुटना।
-नींद अधिक आना।
-हृदय गति धीमी होना।
-यादाश्त कमजोर होना। आयोडीन की अधिकता से होने वाले रोग :
-नींद कम आना।
-मोटापा बढ़ते रहना।
-पीरियडस अनियमित होना।
-घबराहट और रक्तचाप वृद्धि।
-स्वाद ग्रंथियां प्रभावित होना। रोजाना कितना नमक पर्याप्त : एक ग्राम नमक में करीब 77 माइक्रो ग्राम आयोडीन होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक किशोर और व्यस्कों के लिए रोजाना 150 माइक्रोग्राम नमक पर्याप्त है। एक से 11 वर्ष के बच्चों के लिए 90 से 100, एक वर्ष से कम शिशु के लिए 50-90 और गर्भवती को प्रतिदिन 200-220 माइक्रोग्राम आयोडीन की जरूरत होती है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए 250 से 290 माइक्रोग्राम रोजाना आयोडीन सेवन करना चाहिए।